अजमेर में भाजपा के दबाव में हुआ वार्डों का परिसीमन। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय जैन ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप। आखिर कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकीलों को हटाया। विवेक पाराशर के स्थान पर जेपी शर्मा बने अजमेर के लोक अभियोजक।

अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के 80 वार्डों का परिसीमन भाजपा के दबाव में हुआ है। भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल ने जो राजनीतिक नजरिया बताया उसी के अनुरूप प्रशासन ने वार्डों की सीमाओं को घटाने और बढ़ाने का काम किया है। राजनीतिक दबाव के कारण ही निर्वाचन विभाग के दिशा निर्देशों की भी अवहेलना की गई है। निर्देशों के अनुरूप एक वार्ड को एक पुलिस स्टेशन की सीमा में रखना था। लेकिन ऐसे कई वार्ड हो गए जिनका थाना क्षेत्र अलग अलग है। निर्वाचन विभाग के अनुसार परिसीमन का विवरण 28 मार्च को घोषित हो जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन ने 2 अप्रैल को परिसीमन को सार्वजनिक किया। इस परिसीमन पर आपत्ति जताने की अंतिम तिथि 17 अप्रैल है, लेकिन विलंब से प्रकाशन के कारण आपत्ति दर्ज कराने के समय में कटौती हो गई है। जैन ने कहा कि उन्होंने एक जांच कमेटी गठित कर परिसीमन की खामियां उजागर की है। यदि इन खामियों को दूर नहीं किया गया तो अजमेर में जन आंदोलन किया जाएगा। जैन की प्रेसवार्ता में पूर्व मेयर कमल बाकोलिया प्रताप यादव, अमोलक सिंह छाबड़ा, अंकुर त्यागी, श्याम प्रजापति, बिपिन बेंसिल, गजेंद्र सिंह रलावता, वैभव जैन, नरेश सात्यावना, मुजफ्फर भारती आदि उपस्थित रहे। पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने भी वार्डों के परिसीमन पर आपत्ति जताई। जैन ने बताया कि खामियों का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी, कमेटी का निष्कर्ष इस प्रकार है।1. अजमेर नगर निगम सीमा में राजस्व की दृष्टि से अजमेर नगर पालिका के गठन के समय से ही अजमेर में दो क्षेत्र जो कि अजमेर थोक मालियान व थोक तेलियान के नाम से जाने जाते है। नगर पालिका से नगर परिषद् वर्ष 2008 में नगर निगम का भाग रहे है। वर्तमान में वार्डो का परिसीमन/पुनर्गठन करते समय अजमेर के थोक मालियान के एक बड़े हिस्से को वार्ड में शामिल नहीं किया गया है। जबकि नगर पालिका के गठन से ही यह शहरी क्षेत्र में शामिल है उसके बावजूद भी अभी परिसीमन में उसको निगम क्षेत्र से भी बाहर रखा गया है यह एक भारी अनदेखी अधिकारियों द्वारा की गई है।2. अजमेर से श्रीनगर रोड जाने वाले मार्ग पर नेहरू नगर से आगे की ओर स्थित दोनो तरफ के रिहायषी क्षेत्र जो कि थोक मालियान का भाग है जिसमें वर्तमान में कई मकान व प्लाट बने हुये है जो कि वर्तमान में नगर निगम के वार्ड 54 के भाग में आपके द्वारा प्रकाषित सूची में ज्ञानोदय कॉलोनी के नाम से दर्षाया गया है लेकिन आपके नगर निगम के नक्षे में इसको बाहर रखा गया है जबकि आज की परिस्थिति में भी इन्होने इसकी अनदेखी करते हुए थोक मालियान के आंषिक हिस्से को नगर निगम सीमा से बाहर रखा है जो कि बिल्कुल नियम विरूद्ध है। ग्राम नौसर, गा्रम कोटड़ा, ग्राम किरानीपुरा, ग्राम चौरसियावास, ग्राम खानपुरा, ग्राम परबतपुरा, ग्राम माखुपुरा व ग्राम दौराई का आंषिक भाग ही शामिल है।  3. नगर निगम सीमा में जयपुर रोड स्थित अषोग उद्यान, बड़ल्या चौराहा पर इंजिनियरिंग कॉलेज, जनाना अस्पताल, ट्रासर्पोट नगर, म.द.स. विश्वविद्यालय, दौराई/मदार रेल्वे स्टेषन, महाराणा प्रताप स्मारक, कृषि उपज मंडी सहित मुख्य चर्चित एवं उपयोगी संस्थानों को निगम सीमा में शामिल ना करके अजमेर वासियों के साथ कुठाराघात किया है जिन्हें परिसीमांकन में वार्डों में शामिल किया जाना चाहिये। 4. स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी पत्र के दिषा निर्देषों में स्पष्ट अंकित है कि कोई भी वार्ड एक ही थाना क्षेत्र की सीमा में होना चाहिए जिसकी अनदेखी कर उन्होंने शहर के कई वार्ड दो या दो से अधिक थाने क्षेत्र में विभाजित कर दिये है जिनमें वार्ड नं. 60 दो थाना क्षेत्र में, वार्ड 70 तीन थाना क्षेत्र में, वार्ड 61 दो थानो में व वार्ड 41 चार थाना क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जो कि नियम विरूद्ध है।5. इसी प्रकार स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों के तहत स्पष्ट हवाला है कि वार्ड को यथासंभव विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम के साथ इस प्रकार रखा जाये कि सम्पूर्ण वार्ड एक ही जोन में आये जबकि शहर के कई वार्ड जिनमें वार्ड संख्या 1,2, 78, 80, 54, 53 के कई क्षेत्र ए.डी.ए की सीमा क्षेत्र में है तो कई नगर निगम की सीमा में है जो कि नियम विरूद्ध है।6. शहर के कई मकान वार्ड परिसीमन में दो-दो वार्डो में समाहित कर लिये गये है इनको भी दुरूस्त किया जाना आवश्यक है। 7. इनके द्वारा शहर के कई वार्डो के मतदान स्थलों को मतदान बूथ तीन-चार किमी दूरी पर कर दिये गये है जिसके कारण मतदान प्रतिशत में कमी आने की संभावना है जबकि निर्वाचन आयोग की मंशा है कि अत्यधिक मतदान हो जिसके विपरीत निगम प्रशासन की मंषा कम मतदान करा कर उनके मौलिक अधिकार के हनन करने की है।8. परिसीमन के संदर्भ में मुख्य बिन्दु पर ध्यान आकर्षित करते हुए माननीय जिलाधीश महोदय को एक पत्र भी भेज दिया गया था जिसमें वर्तमान में निगम क्षेत्र की कुल जनसंख्या व वार्डो की जनसंख्या का क्या आधार रखा गया है इसको भी स्पष्ट नहीं किया गया है जो कि नियम विरूद्ध है। 9. जबकि राजस्थान सरकार द्वारा दिये गये आदेष में स्पष्ट है कि किसी भी वार्ड की अनुमानित जनसंख्या के आधार को 15 प्रतिषत तक घटाया जा सकता है अन्यथा बढ़ाया जा सकता है जबकि इस आकड़ें के अनुरूप किसी भी वार्ड में स्पष्ट नहीं किया हुआ है जिससे शहरवासी भम्रित है और निगम व प्रषासन द्वारा लोगो को गुमराह किया गया है जबकि प्रकाषित सूची में जनसंख्या हर वार्ड की व सम्पूर्ण निगम क्षेत्र की स्पष्ट दर्षाई जानी चाहिये थी। 10. जिला निर्वाचन अधिकारी/कलेक्टर/निगम आयुक्त द्वारा दिनांक 27 मार्च तक परिसीमन का कार्य पूर्ण कर समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित व जिला मुख्यालय/निगम परिसर में भी आज दिवस तक परिसीमन से संबंधित कोई सूची न तो प्रकाशित की गई है ना ही इसकी आपत्तियां स्वीकार करने हेतु सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन से आमजन को अवगत कराया गया है ऐसी परिस्थिति में आपत्तियॉं किस आधार पर स्वीकार की जाएगी, इसका क्या मापदंड होगा इसकी अनदेखी की गई है।   11. नगर निगम प्रशासन द्वारा परिसीमन की कार्यवाही को पटल पर लाने के लिए ना तो कोई ऐसी टीम गठित की गई जिसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर सर्वे करके इस परिसीमन कार्य को अंजाम दिया है बल्कि दफ्तर में ए.सी. में बैठकर ही इसकी खानापूर्ति राजनीतिक दबाव में आकर की गई है जिसमें नियमों की अवहेलना की गई है यह भी एक जांच का विषय है  

शर्मा लोक अभियोजक नियुक्त:
प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के सवा वर्ष बाद अजमेर में भी सरकारी वकीलों की नियुक्ति में फेरबदल कर दिया गया है। अब तब कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकील ही विभिन्न अदालतों में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे थे, लेकिन 7 अप्रैल को  विधि विभाग ने अलग अलग आदेश जारी कर कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकीलों को हटा कर नए वकीलों की नियुक्ति कर दी है। आदेश के अनुसार जयप्रकाश शर्मा को जिला लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है, इस पद पर अब तक विवेक पाराशर काम कर रहे थे। इसी प्रकार एससी एसटी कोर्ट के लिए विशिष्ट लोक अभियोजक के तौर पर पंकज जैन की नियुक्ति की गई है। इस पद पर अब तक मंजूर अली  पैरवी कर रहे थे।  पोक्सो अदालत संख्या 2 में संजय तिवारी की नियुक्ति की गई है। अब तक इस अदालत में विक्रम सिंह शेखावत पैरवी कर रहे थे। टाडा कोर्ट में लक्ष्मीकांत शर्मा नियुक्त किए गए है, अब तक इस कोर्ट में बृजेश पांडे सरकार की ओर से पैरवी कर रहे थे। अपर जिला न्यायाधीश संख्या एक की अदालत में शशि प्रकाश इंदौरिया, किशनगढ़ स्थित एडीजे कोर्ट के पदमराज सैनी, नसीराबाद के लिए महेंद्र कुमार चौधरी को नियुक्त किया गया है। राजेंद्र सिंह राठौड़ व राजेश कुमार सुकरिया को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है। सभी नवनियुक्त वकीलों ने 8 अप्रैल को पदभार संभाल लिया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-04-2025)
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