वक्फ इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद की टिप्पणी को नफरती तो माना, लेकिन अंतरिम जमानत भी दे दी। दिल्ली और हरियाणा पुलिस की जांच पर रोक लगायी। कॉलेज के शिक्षक राज्य की नहीं केन्द्र सरकार की आलोचना कर सकते हैं केरल सरकार का बिल। भारत के खिलाफ हो रही साजिश को समझने की जरूरत है।

वक्फ के नए कानून की वैधता की सुनवाई के दौरान 1 मई को सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार की और से यह स्पष्ट किया गया कि वक्फ इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं है ब्लकि एक अवधारणा और दान का तरीका है। कुछ लोग झूठ बोलकर वक्फ को धर्म से जोड़ रहे है। केन्द्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वो सब तथ्य प्रस्तुत किए जो नए कानून को वैध ठहराते है।.  मालूम हो कि व वक्फ का नया कानून संसद से मंजूर होने के बाद राष्ट्रपति से स्वीकृत हो गया है, लेकिन इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट नए कानून पर सुनवाई कर रहा है। इतना ही नहीं कानून के कुछ प्रावधानों की क्रियान्विति पर रोक भी लगा दी है।
– नफरती को अंतरिम जमानत :-
21 मई को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद द्वारा ऑपरेशन सिन्दूर पर की गई नफरती टिप्पणी के मामले में भी सुनवाई हुई। इस नफरती प्रोफेसर को हरियाणा पुलिस ने गत 18 मई को गिरफ्तार किया था। सरकार की और से जो दस्तावेज पेश किए गए उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रोफेसर महमूदाबाद की टिप्पणी डांग व्हिसलिंग जैसी है। जो कानून में सांकेतिक रूप से नफरत फैलाने के लिए प्रयुक्त होती है। अपनी इस टिपणी के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद को अंतरिम जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए तया आदेशित किया कि प्रोफेसर महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर सोशल मीडिया पर जो पोस्ट लिखी उसकी जांच तीन आईपीएस अधिकारियों से करवायी जाए, लेकिन इन तीन आईपीएस में दिल्ली और हरियाणा पुलिस का अधिकारी नहीं होना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट ही समझा सकता है, कि आखिर दिल्ली और हरियाणा पुलिस जांच क्यों न करे? क्या सुप्रीम कोर्ट को इन दोनों राज्यों की पुलिस की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है। जबकि प्रो. महमूदाबाद ने जो गैर जिम्मेदाराना लिखा उसे हरियाणा पुलिस ने देश की एकता और संप्रभुता पर खतरा मानने के साथ-साथ धार्मिक वैमन्यस्ता फैलाने वाला बताया। इतना ही नहीं प्रोफेसर की टिप्पणी महिला की गरिमा का अपमान भी है।
– राज्य की नहीं, केंद्र की आलोचना हो :-
कम्युनिस्ट पार्टी शासित केरल की सरकार ने यूनिवर्सिटी लॉ में संशोधन का जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें कॉलेज शिक्षकों को राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करने से रोका गया है, लेकिन कॉलेज शिक्षक केन्द्र सरकार की आलोचना कर सकेंगें। सब जानते है कि केरल के राजनैतिक हालात कैसे है। हिन्दू आबादी अल्प संख्यक है। अनेक संसदीय क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है, इसीलिए राहुल गांधी दो बार केरल की वायनाड़ सीट से लोकसभा का चुनाव जीत चुके है और मौजूदा समय में उनकी बहन प्रियंका गांधी वायनाड की सांसद है। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी का गठबंधन भी है।
-देश के हालात समझें :-
भले ही भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मार रही हो, लेकिन देशवासियों भारत के आंतरिक हालातों को समझने की भी जरूरत है। भारत के अन्दर ऐसे तत्व सक्रिय है जो अपने ही देश को कमजोर कर रहे है। ऐसे लोग चाहते है कि धार्मिक आधार पर भारत में वैमन्यस्ता हो। यही वजह है कि धर्म की आड़ में देश को लगातार कमजोर किया जा रहा है। गंभीर बात तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्थाएं भी ऐसे तत्वों के दबाव में नजर आती है।

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...