ट्रंप की मोदी से फोन पर बात और फिर पाकिस्तान के आर्मी चीफ को भोज देने का मामला इजरायल-ईरान युद्ध से जुड़ा है। अब युद्ध में पाकिस्तान, ईरान की मदद नहीं करेगा। नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने पुराना राग अलापा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर 35 मिनट बात और फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिफ मुनीर को भोज देने का मामला मीडिया में छाया हुआ है। मीडिया पंडित अपने-अपने नजरिए से भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका की मित्रता का आकलन कर रहे है। जबकि हकीकत यह है कि मोदी से फोन पर बात और मुनीर को भोज देने का मामला इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार ईरान को न दे, इसके लिए ट्रंप ने आसिफ मुनीर को भोज दिया, लेकिन इस भोज से भारत नाराज न हो, इसके लिए पहले नरेंद्र मोदी से 35 मिनट तक फोन पर बात की। आसिफ मुनीर को भोज देने पर भारत ने अभी तक भी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। कुछ लोग डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन ट्रंप वाकई ही दुनिया के सबसे बडे सौदे बाज है। यूं तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ है, लेकिन ट्रंप ने सारे प्रोटोकॉल दरकिनार करते हुए आर्मी चीफ मुनीर को अमेरिका आमंत्रित किया। ट्रंप ने मुनीर को यूं ही भोज नहीं दिया। इस भोजन के बाद यह तय हो गया है कि अब इजरायल के साथ युद्ध में पाकिस्तान ईरान की कोई मदद नहीं करेगा। किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष के बजाए आर्मी चीफ को भोज देने की हिम्मत डोनाल्ड ट्रंप जैसा राष्ट्रपति ही दिखा सकता है। अब ईरान चाले कितना भी दावा कर ले उसे पाकिस्तान से परमाणु हथियार मिल जाएंगे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का स्वादिष्ट भोजन खाने के बाद अब आसिफ मुनीर की इतनी हिम्मत नहीं कि वह ईरना को कोई मदद करे। अब आसिफ मुनीर और पाकिस्तान वो ही करेगा जो डोनाल्ड ट्रंप चाहेंगे। ट्रंप ने शहबाज शरीफ को भी बता दिया है कि प्रधानमंत्री होने के बावजूद भी पाकिस्तान में उनकी कोई हैसियत नहीं है। पाकिस्तान में आसिफ मुनीर ही सबसे ताकतवर है। मुनीर का पाकिस्तान की सेना पर ही नहीं, बल्कि सरकार पर भी पूरा नियंत्रण है। जानकारों की मानें तो आसिफ मुनीर को अपनी मुट्ठी में लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अब ईरान पर बड़ा हमला कर सकते हैं। दुनिया में पचास मुस्लिम देश है। इनमें से अकेले पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है। परमाणु हथियार की ताकत के कारण ही डोनाल्ड ट्रंप के आसिफ मुनीर को अमेरिका आमंत्रित कर भोज देना पड़ा है। असल में अब तक मुस्लिम देशों में पाकिस्तान की स्थिति भिखारी देश की थी, लेकिन आसिफ मुनीर ने जब पाकिस्तान को अच्छी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। यानी आसिफ मुनीर ने आपदा में भी फायदा उठा लिया। मुस्लिम देशों में पाकिस्तान की इमेज कैसी बनेगी, इससे डोनाल्ड ट्रंप को कोई मतलब नहीं है। ट्रंप का उद्देश्य तो युद्ध में मुस्लिम देश ईरान को हराना है। यदि डोनाल्ड ट्रंप को कोई मतलब नहीं हैं। ट्रंप का उद्देश्य तो युद्ध में मुस्लिम देश ईरान को हराना है। यदि डोनाल्ड ट्रंप सौदेबाज नहीं होते तो पाकिस्तान कभी भी नियंत्रण  में नहीं आता जहां तक भारत का सवाल है तो भारत अपनी रक्षा करने में समर्थ है। उसे अमेरिका की मदद की जरूरत नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेना ने पाकिस्तान को उसके घर में मारा है और आगे भी हमारी सेना पाकिस्तान को मारने में सक्षम है। भले ही पाकिस्तान को अमेरिका की मदद मिले। 

पुराना राग:
18 जून को ट्रंप से हुई बातचीत में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष भी किसी भी देश के दबाव में नहीं रोका गया। यह निर्णय दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच का मामला है। मोदी ने ट्रंप को यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और पाकिस्तान ने यदि कोई आतंकी वारदात करवाई तो भारतीय सेना घर में घुसकर पाकिस्तान को फिर से मारेगी। मोदी के इस कथन के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ है। ट्रंप ने कहा कि मैं दोनों देशों के साथ व्यापार की डील कर रहा हंू। यानी मोदी और ट्रंप पुराना राग ही अलापा रहे हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (19-06-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511

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