यह माना कि हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं, लेकिन कश्मीर, बंगाल आदि राज्यों में हिंदुओं का रहना मुश्किल। बिहार में चुनाव के मद्देनजर नए वक्फ कानून की आड़ में पांच लाख मुसलमानों का जलसा।
बिहार में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव के मद्देनजर ही 30 जून को राजधानी पटना में मुस्लिम संगठनों ने एक बड़ा जलसा किया। दावा किया जा रहा है कि इस जलसे में पांच लाख मुसलमान एकत्रित हुए। यह जलसा नए वक्फ कानून के विरोध में किया गया। जलसे का राजनीतिक मकसद इसी से समझा जा सकता है कि भाषण देने वालों में आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी आदि दलों के नेता शामिल रहे। जलसे को संबोधित करते हुए आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है। देश की आजादी में मुसलमानों का भी योगदान रहा है। इसलिए वक्फ संपत्तियों पर सरकार का कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। आज केंद्र की मोदी सरकार को मुसलमानों की ताकत को देख लेना चाहिए। यह सही है कि हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है, लेकिन यह भी हकीकत है कि इसी हिंदुस्तान के कश्मीर, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में हिंदुओं का रहना मुश्किल है। कश्मीर से तो चार लाख हिंदुओं को प्रताड़ित कर भगा दिया गया। आज जब अमरनाथ यात्रा हो रही है तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पचास हजार सुरक्षा बल तैनात किए गए है। सवाल उठता है कि जब हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है तो फिर हिंदुओं का रहना मुश्किल क्यों हो रहा है? क्या कांग्रेस, आरजेडी जैसे दलों के नेताओं को हिंदुओं की सुरक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए। जब मंदिर जाने और भगवान के दर्शन करने वाले हिंदुओं की रक्षा करनी पड़ रही हो, तब हिंदुस्तान के हालातों का अंदाजा लगा लेना चाहिए। अच्छा हो कि कांग्रेस और आरजेडी जैसे दलों के नेता हिंदुओं के प्रति भी वैसा ही प्रेमभाव दिखाए, जैसा मुसलमानों के प्रति दिखाते हैं। जब कोई मुसलमान धार्मिक यात्रा पर जाता है तो उसे देश के किसी भी कोने में सुरक्षा की जरुरत नहीं होती। क्योंकि पूरी दुनिया में मुसलमान सबसे ज्यादा हिंदुस्तान में सुरक्षित है। लेकिन इसी हिंदुस्तान में हिंदू श्रद्धालुओं को सुरक्षा की जरुरत होती है। जहां तक नए वक्फ कानून का सवाल है तो केंद्र सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि वक्फ संपत्तियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा। नए कानून से वक्फ संपत्तियों को इनकम में वृद्धि होगी और इस इनकम को मुसलमानों पर ही खर्च किया जाएगा। बिहार में 20 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, इस में से अधिकांश पसमांदा (पिछड़े और गरीब) गरीब मुसलमान है। यदि पिछड़े और गरीब मुसलमानों को वक्फ संपत्तियों का लाभ मिलता है तो फिर आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं को कोई एतराज नहीं होना चाहिए। बिहार के पसमांदा मुसलमानों को भी अपने समाज के नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है। इन्हीं नेताओं के कारण मुसलमानों का विकास नहीं हो पाया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-07-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511