बच्चों के स्कूली बैग और जूतों पर से मोदी सरकार 18 प्रतिशत का जीएसटी हटाना भूल गई।

मोदी सरकार ने हाल ही में जीएसटी की दरों में जो संशोधन किया है उसमें शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं को पूरी तरह कर मुक्त किया है। स्कूली बच्चों के काम आने वाली पेंसिल और नोटबुक तक को टैक्स फ्री किया है, लेकिन स्कूली बैग और जूतों पर पूर्व की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी बरकरार रखा है। ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार स्कूली बैग और जूतों पर जीएसटी हटाना भूल गई है। इसलिए अब राजस्थान के स्कूली बैग निर्माता और कारोबारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि स्कूल बैग और बच्चों के जूतों को भी कर मुक्त किया जाए। यदि स्कूली बैग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रखा गया तो शिक्षा की अन्य सामग्री को कर मुक्त करने का कोई फायदा नहीं होगा। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सबसे जरूरी वस्तु बैग ही है। ऐसे में यदि बच्चे 18 प्रतिशत टैक्स चुका कर बैग खरीदेंगे तो फिर नोटबुक और पेंसिल पर टैक्स हटाने से कोई राहत नहीं मिलेगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि शिक्षा के प्रति आकर्षण होने के कारण स्कूलों में अब बच्चों की संख्या बढ़ी है। बच्चों की संख्या को देखते हुए हर छोटे बड़े शहर में बैग निर्माण की छोटी छोटी फ्रेक्ट्रियां खुल गई है। इन फैक्ट्रियों के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। यदि स्कूली बैग कर मुक्त होता है तो इसका फायदा बच्चों, अभिभावकों के साथ साथ हजारों श्रमिकों को भी मिलेगा। जयपुर बैग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, महामंत्री राकेश ऐलानी, कोषाध्यक्ष सुरेश केसवानी आदि पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द स्कूल बैग को करमुक्त या फिर पांच प्रतिशत वाली श्रेणी में लाया जाए। इस मामले में और अधिक जानकारी बैग एसोसिएशन के प्रतिनिधि अंकुर गर्ग से मोबाइल नंबर 9829890128 पर ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-09-2025)
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