हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने मतदान के पन्द्रह दिन पहले कांग्रेस छोड़ी।
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने मतदान के पन्द्रह दिन पहले कांग्रेस छोड़ी।
कांग्रेस के लोग ही कर रहे हैं कांग्रेस मुक्त भारत।
सोनिया की कांग्रेस में बैचेन है राहुल गांधी के समर्थक।
राजस्थान में सचिन पायलट पर भी नजर।
राहुल समर्थक बैचेन:
हालांकि अपने इस्तीफे को चार पृष्ठों में तंवर ने लिखा है और अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं। लेकिन अब देखा जा रहा है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस में राहुल गांधी के समर्थक बेचैन हैं। पांच अक्टूबर को जो बयान अशोक तंवर ने दिया वैसे ही बयान 4 अक्टूबर को मुम्बई कांग्रेस के अध्यक्ष रहे संजय निरुपम ने दिया था। संजय निरुपम का भी कहना रहा कि जिन लोगों को राहुल गांधी ने आगे बढ़ाया था उनकी अब उपेक्षा की जा रही है। कांग्रेस में अब ये माना जा रहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के समर्थकों के बीच ही संघर्ष हो रहा है।
सचिन पायलट पर भी नजर:
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट पर भी अब नजर लगी हुई है। पायलट भी कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें राहुल गांधी ने आगे बढ़ाया था। पिछले दिनों ही पायलट ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भाजपा के शासन में जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खून पसीना बहाया है उन्हें सरकार में सम्मान मिलना चाहिए। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने 9 माह हो गए हैं, लेकिन अब तक भी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की हैसियत से पायलट इस मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं, लेकिन अब भी तक भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसएिशन का अध्यक्ष बनवाने में सफल रहे हैं। पायलट के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने मुख्यमंत्री के पुत्र का खुलकर विरोध किया था। राजस्थान में भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के समर्थकों में खुले आम खींचतान हो रही है। सीएम गहलोत को सोनिया गांधी का समर्थक माना जाता है। यह माना जा रहा है कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद ही अशोक गहलोत स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से सचिन पायलट सरकार को कुछ भी सीख हैं, लेकिन अशोक गहलोत वो ही कर रहे हैं जो उन्हें सरकार के हित में नजर आता है। हाल ही में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल करने को भी राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है। जिन बसपा विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस का विधायक मान लिया उन बसपा विधायकों ने अभी तक भी कांग्रेस की सदस्यता ग्राहण नहीं की है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट के विरोध के चलते प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बसपा विधायकों की सदस्यता का समारोह नहीं हो पा रहा है।
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