मंजीत सिंह की पहचान वाली फर्म पर फिदा है अजमेर नगर निगम और प्राधिकरण। किराए पर साइकिल मिलने की योजना शुरू।

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मंजीत सिंह की पहचान वाली फर्म पर फिदा है अजमेर नगर निगम और प्राधिकरण।
किराए पर साइकिल मिलने की योजना शुरू।
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20 अगस्त को अजमेर में किराए पर साइकिल मिलने की सुविधा की योजना शुरू हो गई है। राजस्थान में अजमेर पहला शहर है जहां इस तरह की योजना शुरू हुई है। 20 अगस्त को कलेक्टर गौरव गोयल, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा ने साइकिल चला कर इस योजना का शुभारंभ किया। योजना के लिए दिल्ली की फर्म लेट्स साइकिल बॉय ग्रीन रिव्युलेशन से निगम ने एक अनुबंध किया है। इस अनुबंध के मुताबिक फर्म को निगम शहर के दस प्रमुख स्थानों पर 10&25 वर्ग फीट की जगह उपलब्ध करवाएगी। इसकी एवज में यह फर्म मात्र दो हजार रुपए प्रति स्थान शुल्क देगी। इन स्थानों पर जो लोहे के पिंजरे बनेंगे, उसका खर्च भी प्राधिकरण के द्वारा उठाया जाएगा। सवाल उठता है कि दिल्ली की इस फर्म पर निगम और प्राधिकरण इतना मेहरबान क्यों है? रेलवे स्टेशन, मदारगेट, वैशाली नगर, नया बाजार, सुभाष बाग आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर क्या मात्र दो हजार रुपए प्रतिमाह के शुल्क में 10&25 वर्ग फीट की जगह उपलब्ध करवाई जा सकती है? और जब साइकिल किराए पर दी जाएगी तो फिर प्राधिकरण लाखों रुपए खर्च कर लोहे के पिंजरे फर्म को नि:शुल्क क्यों दे रहा है? जानकारों की माने तो संबंधित फर्म प्रदेश के नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह की पहचान वाली है। इस फर्म के साझेदार वीरेन्द्र चौपड़ा भी 20 अगस्त को योजना के शुभारंभ के मौके पर अजमेर आए। चौपड़ा की मिजाजपूर्सी में जिस तरह से निगम व प्राधिकरण के अधिकारी लगे हुए थे उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि मंजीत सिंह का सीधा दखल है। जहां तक इस फर्म के द्वारा शहरवासियों को साइकिल उपलब्ध करवाने का सवाल है तो तीन स्कीमों में साइकिलें उपलब्ध होंगी। कोई भी व्यक्ति चार हजार रुपए अमानत के तौर पर जमा करवाकर साइकिल की सुविधा ले सकता है। जिस व्यक्ति को दस रुपए प्रति घंटा की दर पर साइकिल लेनी है उसे पहले दो सौ रुपए पंजीयन शुल्क जमा करवाना होगा। इस पंजीयन के अभाव में दस रुपए वाली सुविधा नहीं मिलेगी।
हेड़ा ने दिखाया उत्साह :
20 अगस्त को जब कलेक्टर और मेयर ने साइकिल चलाई तो प्राधिकरण के अध्यक्ष हेड़ा भी पीछे नहीं रहे। हेड़ा ने भी यह जताने की कोशिश की कि उन पर उम्र का कोई असर नहीं है और वे युवा कलेक्टर और मेयर की रफ्तार के साथ साइकिल चला सकते हैं। मालूम हो कि इन दिनों कलेक्टर और मेयर की जोड़ी की चर्चा है। हेड़ा इस जोड़ी को तिगड़ी बनाने में लगे हुए हैं। हालांकि कलेक्टर गोयल अपनी ओर से हेड़ा के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
(एस.पी. मित्तल) (20-08-2016)
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