राजनीतिक नियुक्तियां मेरी समझ से परे हैं-सीएम अशोक गहलोत।
राजनीतिक नियुक्तियां मेरी समझ से परे हैं-सीएम अशोक गहलोत।
घंूघट प्रथा से पीछे रह जाएगी धर्म और जाति।
आधी आबादी के साथ अन्याय क्यों?
औरतों के पर्दे में रहने पर गहलोत की खरी खरी।
घूघट प्रथा से पीछे रह जाएगी धर्म और जाति:
18 नवम्बर को अजमेर के जवाहर रंगमंच पर बाल संगम कार्यक्रम में भाग लेते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब हम महिलाओं को आबादी और बराबर का दर्जा देते हैं तो घूंघट की आड़ में महिलाओं को पर्दे के पीछे क्यों रखा जाता है। यदि अब भी औरतों को पीछे रखा जाएगा तो ऐसी जाति और धर्म पीछे रह जाएंगे। महिलाएं पुरुषों के बराबर अधिकार रखती हैं। सभागार में स्कूली बालिकाओं की संख्या को देखते हुए गहलोत ने कहा कि यही बालिकाएं आगे चल कर देश का भविष्य तय करेंगी। यूपीए की चेयरपर्स श्रीमती सोनिया गांधी चाहती है कि लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण मिले। उन्होंने कहा कि आज समाज के किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं थी। एक समय था जब मंच पर सरपंच पति या प्रधान पति बैठा करते थे, लेकिन आज मंच पर महिला सरपंच और प्रधान शान के साथ बैठती हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई कारण नहीं कि महिलाओं को पर्दे में रखा जाए। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रथा की आड़ में महिलाओं को घूंघट में रखना महिलाओं पर अत्याचार है। आज पढ़ी लिखी कोई भी लड़की घूंघट में नहीं रहेगी। यदि सामाजिक प्रथाओं की दुहाई देकर पढ़ी लिखी महिलाओं को घंूघट में रखा जाता है तो यह सामाजिक दृष्टि से भी उचित नहीं है। सरकार चाहती है कि महिलाएं सेल्फडिफेंस के गुर भी सीखे इसके लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली छात्राएं यदि सेल्फडिफ्रेंस का प्रशिक्षण लेंगी तो सरकार ऐसी बालिकाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हंू कि राजस्थान की महिलाएं देश में नाम रोशन करें। इसके लिए सरकार हर संभव मदद करेगी।
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