चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बच्चों की मौत पर कार्यवाही करवाने की चुनौती दी।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बच्चों की मौत पर कार्यवाही करवाने की चुनौती दी।
स्वयं के निर्वाचन क्षेत्र में हुए हादसे में पायलट के पीडब्ल्यूडी विभाग के दो इंजीनियरों पर कार्यवाही भी करवाई।
पायलट और रघु शर्मा के बीच विवाद और बढ़ा।
केकड़ी में दो इंजीनियरों पर कार्यवाही:
सचिन पायलट बच्चों की मौतों पर चिकित्सा विभाग पर कब कार्यवाही करवाएंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन 7 जनवरी को रघु शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी के सावर कस्बे में निर्माणाधीन यात्री प्रतीक्षालय की छत गिरने के प्रकरण में सचिन पायलट के पीडब्ल्यूडी विभाग के दो इंजीनियरों पर कार्यवाही करवा दी है। सावर में पीडब्ल्यू के इंजीनियरों की देखरेख में बन रहे यात्री प्रतीक्षालय की छत गिर गई है इसकी जानकारी मिलते ही रघु शर्मा रात को ही केकड़ी पहुंच गए। मौके पर मौजूद कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा को रघु शर्मा ने हादसे पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। रघु शर्मा की नाराजगी को देखते हुए ही पीडब्ल्यूडी के एईएन राजेन्द्र मीणा को एपीओ तथा जेईएन राकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। इतना ही नहीं संबंधित ठेकेदार फर्म रजनीश ट्रेडर्स को ब्लैक लिस्ट कर दिया। इस हादसे में एक महिला की मौत तथा तीन अन्य ग्रामीण घायल हो गए। रघु शर्मा जब अजमेर के सांसद थे, तब सावर में यात्री प्रतीक्षालय के निर्माण के लिए सांसद कोष से धनराशि दी थी। अब सचिन पायलट का विभाग ही सावर में यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण करवा रहा है, इसलिए दोषी इंजीनियरों के विरुद्ध कार्यवाही करवाने में चिकित्सा मंत्री ने कोई कसर नहीं छोड़ी। रघु शर्मा भी अब मृतक महिला की मौत पर जिम्मेदारी का सवाल उठा सकते हैं।
पायलट और रघु के बीच विवाद और बढ़ा:
7 जनवरी को जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ के एक कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि सत्ता मिलने के बाद कुछ लोगों को घमंड हो जाता है, ऐसे लोगों को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि जनता हमारी जेब में है। सत्ता और संगठन में चल रही खींचतान के मद्देनजर पायलट का यह बयान राजनीतिक दृष्टि से बहुत मायने रखता है। रघु शर्मा भले ही सरकार की ओर से पायलट पर लगातार हमले कर रहे हों, लेकिन दो वर्ष पहले रघु शर्मा का राजनीतिक भविष्य सचिन पायलट के हाथ में ही था। प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते पायलट ने ही रघु को अजमेर से लोकसभा के उपचुनाव में उम्मीदवार बनवाया। यदि तब रघु को उम्मीदवार नहीं बनाया जाता तो रघु शर्मा आज इतनी मजबूती स्थिति में नहीं होते। इसे वक्त का फेर ही कहा जाएगा कि आज सचिन पायलट को ही रघु शर्मा से मुकाबला करना पड़ रहा है। पायलट भी सब समझते हैं कि रघु शर्मा किसके दम पर इतना घमंड दिखा रहे हैं।
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