तो मेयर और आयुक्त के बीच टकराव से अजमेर नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है?
तो मेयर और आयुक्त के बीच टकराव से अजमेर नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है? आयुक्त को सलाह देते हुए मेयर ने साधारण सभा की तिथि बताई। पार्षदों से भी प्रस्ताव देने का आग्रह किया।
अब यह साफ हो गया है कि मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल के बीच हो रहे टकराव से अजमेर नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसका खामियाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है। मेयर का आरोप है कि आयुक्त नियमों का पालन नहीं कर रही है, जबकि आयुक्त का कहना है कि निगम में नियमों के अनुरूप ही कार्य हो रहा है। नियमों को लेकर मेयर और आयुक्त के अपने अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन निगम के पार्षदों की साधारण सभा बुलाने के मुद्दे पर निगम प्रशासन के कामकाज की पोल खुल गई है। साधारण सभा नहीं बुलाने का जो मुद्दा मेयर ने अपनाया उस पर निगम के उपायुक्त अशोक मीणा ने कहा कि मेयर ने साधारण सभा बुलाने के लिए 25 सितम्बर और 13 नवम्बर 2019 को जो यू नोट लिखे उसकी अनुपालना में आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने निगम की विभिन्न शाखाओं से प्रस्ताव भेजने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन ऐसे प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए। मीणा के इस कथन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम के हालात कैसे हैं? यदि मेयर और आयुक्त के निर्देश के बाद भी संबंधित शाखाओं के अधिकारी करीब चार माह तक पालना नहीं करें तो निगम के काम काज की पोल खुलती है। जिन अधिकारियों ने आयुक्त के निर्देशों की पालना नहीं की उनके विरुद्ध कार्यवाही होनी ही चाहिए। आखिर अधिकारियों ने साधारण सभा के लिए प्रस्ताव क्यों नहीं भेजे? क्या यह मेयर और आयुक्त के टकराव का नतीजा नहीं है? साधारण सभा नहीं होने से सैकड़ों कार्य लम्बित पड़े हैं। कई आदेशों की पुष्टि साधारण सभा में होती है। ऐसे आदेश भी उधर में हैं।
सलाह के साथ बताई तिथि:
साधारण सभा के प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने के जवाब में मेयर गहलोत ने सवाल उठाया है कि उन्हेंजानकारी क्यों नहीं दी गई? मेयर ने कहा कि आयुक्त का काम डाकिए का नहीं है। आयुक्त का कार्य आदेशों की क्रियान्विति भी करवाना है। मेयर ने कहा कि आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल की आईएएस सेवा की शुरुआत है और निगम में सरकार के कायदे कानून और जनप्रतिनिधियों से संवाद करने के बारे में काफी कुछ सीखा जा सकता है। आगे चल कर सुश्री गोपाल को प्रशासन में बड़े दायित्व भी मिलेंगे। मेयर गहलोत ने आयुक्त के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आगामी 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे निगम की साधारण सभा बुलाने का प्रस्ताव किया है। इससे पहले 27 जनवरी तक सभी विभाग अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर दें। 30 जनवरी तक आय व्यय का ब्यौरा भी तैयार कर लिया जाए।
पार्षदों को लिखा पत्र:
मेयर गहलोत ने निगम के सभी पार्षदों को पत्र लिखकर आगामी 24 जनवरी तक प्रस्ताव देने के लिए कहा है, ताकि साधारण सभा के एजेंडे में शामिल किए जा सके। मेयर ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार 15 फरवरी से पहले साधारण सभा बुलाकर बजट को स्वीकृत करना है। अजमेर के विकास में सभी को भागीदारी निभानी है।
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