चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और भाजपा के नेता रहे भंवर सिंह पलाड़ा की दोस्ती वर्ष 2020 में अजमेर का सबसे बड़ा राजनीतिक घटना क्रम रहा। इस दोस्ती की वजह से अजमेर में बहुमत होने के बाद भी भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बन सका।
वर्ष 2020 में यूं तो अजमेर जिले में कई राजनीतिक घटनाएं हुई, लेकिन सबसे बड़ा घटनाक्रम कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और भाजपा के प्रभावशाली नेता रहे भंवर सिंह पलाड़ा में दोस्ती होना है। वर्ष 2021 में इस दोस्ती का असर अजमेर में भाजपा और कांग्रेस दोनों की राजनीति पर देखा जाएगा। हालांकि पंचायतीराज के चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी की तीन में से दो पंचायत समितियों में चुनाव हार गए। रघु ने अपनी राजनीति के अनुकूल केकड़ी में सावर पंचायत समिति अलग से बनवाई, लेकिन यहां भी रघु को हार का सामना करना पड़ा। जिले की 11 पंचायत समितियों में से कांग्रेस मुश्किल से 3 पंचायत समितियों पर अपना प्रधान बनवा सकी। लेकिन ऐनमौके पर रघु शर्मा ने भाजपा के प्रभावशाली नेता भंवर सिंह पलाड़ा से दोस्ती कर जिला प्रमुख के चुनाव में भाजपा को मात दे दी। जिला परिषद के 32 वार्डों में से भाजपा को 21 वार्डों में जीत मिली। लेकिन इसके बाद भी जिला प्रमुख भाजपा का नहीं बन सका। इसके पीछे रघु शर्मा की राजनीतिक चाल रही। भाजपा नेता पलाड़ा की मजबूत स्थिति को देखते हुए रघु ने पलाड़ा के समक्ष जिला प्रमुख पद का प्रस्ताव रख दिया। यही वजह रही कि पलाड़ा की पत्नी श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने भाजपा के बागी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया और कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख बन गई। पलाड़ा दम्पत्ति के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें 32 में से 23 वोट मिले,जबकि भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार महेन्द्र सिंह मझेवला को मात्र 9 वोट प्राप्त हुए। 2020 के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद रघु शर्मा अब कह सकते हैं कि अजमेर में भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बनने दिया। अजमेर में कांग्रेस की कमान पूरी तरह रघु शर्मा के हाथ में है। प्रशासन और कांग्रेस में वो ही होता है, जो रघु शर्मा चाहते हैं। भाजपा के नेता माने या नहीं लेकिन रघु शर्मा ने जिला प्रमुख के चुनाव में हारी हुई बाजी जीती है। प्रदेश स्तर पर भी अजमेर को लेकर भाजपा की किरकिरी हुई है। रघु शर्मा और पलाड़ा की दोस्ती का असर कांग्रेस और भाजपा दोनों पर पड़ेगा। पलाड़ा दम्पत्ति की बगावत और फिर पार्टी से निष्कासन के बाद अजमेर के कुछ भाजपा नेता खुश हो सकते हैं। लेकिन भाजपा में पलाड़ा की गैर मौजूदगी का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। श्रीमती पलाड़ा जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहीं हैं। गत विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के राकेश पारीक ने श्रीमती पलाड़ा को हराया था। पलाड़ा दम्पत्ति की नजर मसूदा क्षेत्र पर अभी भी लगी हुई है। हालांकि अजमेर जिले में कांग्रेस के दो ही विधायक हैं। लेकिन श्रीमती पलाड़ा के जिला प्रमुख बनने से कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी। हालांकि कांग्रेस का समर्थन लेने के बाद पलाड़ा दम्पत्ति ने अभी तक भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की है। लेकिन रघु शर्मा जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का मानना है कि पलाड़ा दम्पत्ति अब कांग्रेस से बहार नहीं जा पाएंगे। पलाड़ा दम्पत्ति ने विगत दिनों अपने जयपुर रोड स्थिति फार्म हाउस पर सचिन पायलट और रघु शर्मा का अभिनंदन भी किया है। इस अभिनंदन के बाद कांग्रेस के नेता बेहद उत्साहित हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-01-2021)
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