आनासागर के टापू पर अब आदिमानव, डायनासोर और हाथी के एक्शन व आवाज सुनने को मिलेंगी।

आनासागर के टापू पर अब आदिमानव, डायनासोर और हाथी के एक्शन व आवाज सुनने को मिलेंगी।
जयपुर और उदयपुर से भी ज्यादा पर्यटक अजमेर आते हैं, लेकिन फिर भी पर्यटन की दृष्टि से अजमेर पिछड़ा हुआ है। 

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जिस प्रकार आनासागर झील अजमेर शहर के बीचों बीच बनी हुई है, उसी प्रकार आनासागर के बीच टापू (आयलैंड) बना हुआ है। आनासागर के बीचों बीच कोई पांच हजार वर्ग गज भूमि पर बने टापू का अब नवीनीकरण किया जा रहा है। टापू पर आदि मानव डायनासोर और हाथी के विशालकाय मॉडल स्थापित किए गए हैं। हकीकत में नजर आने वाले आदिमानव या डायनासोर के सामने जब कोई पर्यटक जाएगा तो वैसी ही आवाजें सुनने और एक्शन देखने को मिलेंगे। हो सकता है कि बच्चे तो डर ही जाएं। लेकिन ये मॉडल बच्चों का भी खूब मनोरंजन करेंगे। चीन में बने विशालकाय मॉडलों की वजह से आनासागर का टापू अब आकर्षण का केन्द्र बन गया है। आयलैंड के संचालक जेपी दाधीच ने बताया कि आनासागर की बरादरी से टापू तक पर्यटकों को लाने ले जाने के लिए स्टीमर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यानि आने वाले शहरवासी और पर्यटक जल सफर के साथ टापू के प्राकृतिक वातावरण का भी आनंद ले सकेंगे। सभी सुविधाएं रियायती दरों पर उपलब्ध है। टापू का हाल ही में नवीनीकरण करवाया गया है। अब टापू पर उतरने को भी सुगम बना दिया गया है। बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति स्टीमर से आसानी से टापू की जेटी पर उतर सकेंगे। टापू पर बैठने आदि की भी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है, ताकि पर्यटक अपने परिवार के साथ आनंद उठा सके।
जयपुर और उदयपुर से ज्यादा पर्यटक:
जेपी दाधीच ने बताया कि अजमेर में सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर तीर्थ होने की वजह से जयपुर और उदयपुर से भी ज्यादा पर्यटक आते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष उदयपुर में 8 लाख तथा जयपुर में 14 लाख पर्यटक आते हें, जबकि अजमेर में पर्यटकों की संख्या 20 लाख है। लेकिन इसके बावजूद भी पर्यटन की दृष्टि से अजमेर पिछड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण पर्यटक के लिए अजमेर में पर्यटन के स्थलों का अभाव है। अजमेर में ऐसे पर्यटन स्थल विकसित होने चाहिए, जिसमें पर्यटक कुछ समय बीता सके। अजमेर आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ही आनासागर के आयलैंड को विकसित किया गया है। आयलैंड के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9829073448 पर जेपी दाधीच से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (21-01-2020)
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