अजमेर जरूरतमंदों को फूड पैकेट का वितरण।
अजमेर जरूरतमंदों को फूड पैकेट का वितरण।
नगर निगम ने किया केमिकल छिड़काव।
पुलिस ने माइक से दिया लॉकडाउन का संदेश।
प्राइवेट अस्पतालों को आईसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश।
23 से 31 मार्च तक चलने वाले प्रदेशव्यापी लॉक डाउन में अजमेर के जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है। हालांकि सरकार ने आगामी एक अप्रैल से जरूरतमंदों को फूड पैकेट देने का निर्णय लिया, लेकिन अजमेर में 23 मार्च से जरुरतमंदों को फूड पैकेट देने का काम शुरू हो गया है। अजमेर शहर में वितरण का काम नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी करेंगे। इस संबंध में जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। चूंकि लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो सकती है, इसलिए प्रशासन अभी से ही फूड पैकेट देने का काम शुरू कर दिया है। 23 मार्च को भी नगर निगम के अग्निशमन विभाग के वाहनों ने बाजारों में केमिकल का छिड़काव किया। इस छिड़काव का मकसद किटाणुओं को मारना रहा।
ई रिक्शा में माइक:
कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों को घरों में ही रहने का संदेश देने के लिए 23 मार्च को अजमेर पुलिस ने ई रिक्शा में माइक लगा कर लोगों को जागरुक किया। 22 मार्च के जनता कफ्र्यू के बाद 23 मार्च को बाजारों में भीड़ के हालात हो गए। हालांकि बाजार सिर्फ किराना और सब्जियों की दुकानें ही खुली थी, लेकिन लोगों की भीड़ उम्मीद से ज्यादा थी। आगरा गेट सब्जीमंडी पर तो मेले जैसे हालात हो गए। पुलिस ने माइक के जरिए लोगों से अपील की कि वे तत्काल अपने घरों को लौट जाएं। बाद में पुलिस ने सब्जी मंडी के दोनों गेट भी बंद करवा दिए तथा एक एक कर लोगों को सब्जी मंडी में जाने दिया। दोपहर बाद तो मंडी बंद ही हो गई। 23 मार्च के हालातों को देखते हुए लगता है कि पुलिस को सख्ती करनी पड़ेगी। जो लोग बेवजह घरों से निकल रहे हैं उन पर अंकुश लगाना होगा। कुल मिलाकर 23 मार्च को अजमेर में सामान्य स्थिति रही। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
आईसोलेशन वार्ड के निर्देश:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अजमेर के प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों को आईसोलेशन वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अजमेर जिले में अभी कोरोना का एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है, लेकिन एतियात के तौर पर इंतजाम किए जा रहे हैं। भीलवाड़ा के बांगड़ अस्पताल में विगत दिनों इलाज करवाने वाले अजमेर के मरीजों को भी फिलहाल निगरानी में रखा गया है। इस अस्पताल में जिन चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज किया उनमें से दो चिकित्सक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि अब इस अस्पताल को सील कर दिया गया है, लेकिन इस अस्पताल की वजह से प्रदेशभर में खतरा उत्पन्न हो गया है। अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के वाइस प्रेसिडेंट श्याम सोमानी ने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुसार मित्तल अस्पताल में भी इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि जरूरी होने पर ही इन दिनों अस्पताल में प्रवेश किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सा कर्मी विषम परिस्थितियों में अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऐसे में सभी लोगों को चिकित्सा कर्मियों की हौंसला अफजाई करनी चाहिए। जिस कोरोना वायरस की दहतश की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो रहे हैं उन हालातों में चिकित्सा कर्मी मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
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