मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीसी में भी शामिल हुए कोरोना संक्रमित चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा। स्वयं को स्वस्थ दिखाने की कोशिश। 24 नवम्बर को सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर चर्चा में आए थे रघु शर्मा। अजमेर के जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन भी संक्रमित हुए। अब तक 116 चिकित्सा कर्मी संक्रमित।
26 नवम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की समीक्षा की। एक दिन पहले केन्द्र सरकार ने कोरोना को लेकर जो गाइड लाइन जारी की उस पर भी सीएम ने बड़े अधिकारियों से संवाद किया। इस समीक्षा बैठक में सीएमआर में सीएम के साथ मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा डॉ. सुधीर भंडारी, चिकित्सा यूनिवर्सिटी के राजाबाबू आदि भी जुड़े। राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में रघु शर्मा के वीसी के जरिए जुडऩे को लेकर एक बार फिर चर्चा हो रही है। रघु शर्मा 22 नवम्बर की रात से ही कोरोना संक्रमित घोषित हो चुके हैं। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति अस्पताल या घर पर अपना इलाज करवाता है। रघु शर्मा को भी 23 नवम्बर को जयुपर के आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन रघु शर्मा मीडिया की सुर्खिया तब बने जब उन्होंने 24 नवम्बर को इसी अस्पताल के विभिन्न वार्डो में जाकर निरीक्षण किया। इस अवसर पर अस्पताल से जुड़े बड़े चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे। लेकिन किसी भी चिकित्सक ने कोरोना संक्रमित मंत्री के निरीक्षण पर ऐतराज नहीं किया। अब राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर रघु शर्मा को लेकर लगातार खबरें प्रसारित हो रही हैं। इसी प्रकार प्रादेशिक अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे जा रहे हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि जब रघु शर्मा कोरोना संक्रमित हैं, तो वे चिकित्सा मंत्री की हैसियत से सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कैसे कर रहे हैं? रघु शर्मा के सरकारी अस्पताल के निरीक्षण का मामला अभी सुर्खियों में ही है, लेकिन इन सब की परवाह न करते हुए रघु शर्मा 26 नवम्बर को सीएम की वीसी से भी जुड़ गए। रघु शर्मा इन दिनों घर पर ही क्वारंटीन हैं, लेकिन वीडियो कॉन्फं्रेस के जरिए मुख्यमंत्री से संवाद किया। असल में चिकित्सा मंत्री अब स्वयं को स्वस्थ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वे ये बताना चाहते हैं कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद भी स्वस्थ है और उन्हें मरीजों की चिंता है।
चुनाव प्रचार में हुए संक्रमित:
पंचायतीराज चुनाव के मद्देनजर चिकित्सा मंत्री शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी (अजमेर) में 18 से 22 नवम्बर तक चुनाव प्रचार किया। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन भी हुआ। चुनावी सभाओं के संबोधन के दौरान शर्मा ने मास्क भी नहीं लगाया और मंच पर दो गज की दूरी का भी ख्याल नहीं रखा। कार्यकर्ताओं से मालाएं भी पहनी। खुद रघु शर्मा ने माना की चुनाव प्रचार के दौरान हुई है। चुनावी सभाओं में भीड़ थी, इसलिए संक्रमण बढ़ा। शर्मा के संक्रमित हो जाने के बाद केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में खलबली मच हुई है। क्योंकि चार-पांच दिनों में हजारों ग्रामीण रघु शर्मा के सम्पर्क में आए।
अस्पताल अधीक्षक भी संक्रमित:
अजमेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन की रिपोर्ट पर भी पॉजिटिव आ गई है। लक्षण दिखने के बाद पिछले तीन दिनों से डॉक्टर जैन घर पर ही क्वारंटीन हो गए थे। 25 नवम्बर की रात को डॉक्टर जैन की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। प्राप्त जानकारी के अनुसार जेएलएन अस्पताल और इससे जुड़े जनाना तथा सैटेलाइट अस्पताल में कोरोना काल में अब तक 116 चिकित्सा कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें डॉक्टर नर्सिंग कर्मी, तकनीकी कर्मचारी, वार्ड ब्यॉय आदि शामिल हैं। हालांकि चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल में सुरक्षा की सभी सुविधाएं उपलब्ध है,लेकिन इसके बाद भी अस्पताल अधीक्षक सहित 116 चिकित्सा कर्मियों के संक्रमित होने से संक्रमण की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है, अजमेर में रोजाना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें कोई दो राय नहीं की डॉक्टर अनिल जैन अस्पताल की व्यवस्थाओं को बनाए रखने में रात और दिन मेहनत कर रहे थे। डॉक्टर जैन का प्रयास रहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में पर्याप्त सुविधा मिलती रहे।
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