फेसबुक, ब्लॉग और वेबसाइट पर भी पढ़े ब्लॉग। वाट्सएप में खड़ी हो रही है तकनीकी परेशानी।
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फेसबुक, ब्लॉग और वेबसाइट पर भी पढ़े ब्लॉग। वाट्सएप में खड़ी हो रही है तकनीकी परेशानी।
आज 15 सितम्बर है। पिछले कई दिनों से वाट्सएप से तकनीकी परेशानियां हो रही है। इसकी वजह से मेरे ब्लॉग पाठकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसीलिए मैं पाठकों से विनम्र आग्रह करना चाहता हूं कि वाट्सएप के साथ-साथ मेरे ब्लॉग को फेसबुक www.facebook.com, ब्लॉग spmittal.blogspot.in व वेबसाइट www.spmittal.in पर भी पढ़ें। चूंकि फेसबुक पर 5 हजार मित्र हो चुके हैं। इसीलिए मेरे फेसबुक एकाउंट को ही देखना पड़ेगा। इसमें कोई दोराय नहीं कि अजमेर जिले और राजस्थान भर के साथ-साथ देशभर के वाट्सएप समूह से मैं जुड़ा हूं। एक हजार से भी ज्यादा वाट्सएप समूह हैं। मेरे ब्लॉग पर भी करीब एक लाख पाठक बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त वेबसाइट और ट्यूटर के माध्यम से भी ब्लॉग को पढ़ा जा रहा है। ये माना कि वाट्सएप ने मेरे ब्लॉग को लाखों लोगों तक पहुंचाया है, लेकिन अब वाट्सएप की अपनी तकनीक है। इसलिए मुझे भी परेशानी हो रही है। वाट्सएप ने जो नई व्यवस्था लागू की है, उसके मुताबिक मेरा ब्लॉग वो ही पाठक पढ़ सकेगा, जिसके मोबाइल में मेरा मोबाइल नंबर 9829071511 सेव होगा। मैंने वाट्सएप की नई लिस्ट बनाई है, हो सकता है कि इसमें अनेक पाठकों का नंबर लिस्टेड होने से रह गया हो। ऐसे पाठक मुझे फोन पर सूचित करवाने या फिर एसएमएस के जरिए अपना नाम और मोबाइल नंबर भिजवाए। मुझे उम्मीद है कि वाट्सएप की तकनीक से होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए लाखों पाठक मुझे सहयोग करेंगे। मैं भरपूर कोशिश करता हूं कि पाठकों तक मेरे ब्लॉग रोजाना पहुंचे। मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यही है कि आज सोशल मीडिया पर लाखों लोग मेरे लिखे को पढ़ रहे हैं। मेरे लिखने से कुछ लोगों को नाराजगी भी होती है। ऐसी नाराजगी फेसबुक पर दर्ज की जाती है। मैं पूरे सम्मान के साथ नाराजगी को भी प्रदर्शित करता हूं। यह सही है कि मैं ब्लॉग पर आने वाली प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं देता। इसका मतलब यह नहीं है कि मेरा ब्लॉग गलत है। ब्लॉग पर लिखे एक-एक शब्द पर मैं कायम रहता हूं। कई बार नाराज और उत्तेजित लोग जबरन जवाब चाहते हैं, मैं ऐसे सभी पाठकों से कहना चाहता हूं कि जब वक्त आएगा तो अपने आप जवाब भी दूंगा। जब किसी सामाजिक संस्था, प्रभावशाली व्यक्ति, राजनेता आदि के चेहरे की पोल खुलती है तो उसका नाराज होना स्वाभाविक है। मैं हर किसी व्यक्ति के विचारों का स्वागत करता हूं, लेकिन कई बार यह देखने में आया है कि नाराज व्यक्ति ब्लॉग का अर्थ समझे बिना आरोप-प्रत्यारोप करते हैं।
(एस.पी. मित्तल) (15-09-2016)
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