बसपा के 6 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस जारी होने के बाद अब सचिन पायलट के साथ दिल्ली जाने वाले कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर संवैधानिक संकट की खबर। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने की चर्चा। तब मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं आने को ही दल बदल विरोधी कानून के दायरे में विधायकों के कृत्य को माना था। इसी तर्क पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने भी नोटिस जारी किए थे। राजस्थान भाजपा के बड़े नेताओं की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात।
सब जानते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। गत 17 दिसम्बर को ही गहलोत सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है। दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर गहलोत ने मीडिया के समक्ष आशंका जताई थी कि भाजपा के नेता एक बार फिर उनकी सरकार को गिराने का षडय़ंत्र कर रहे हैं। अब जब स्वयं मुख्यमंत्री कोई आशंका जताएं तो उसमें थोड़ी सच्चाई होगी ही। सीएम की आशंका में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन 8 जनवरी को राजस्थान की राजनीति का माहौल अचानक तब गर्म हो गया, जब कांग्रेस के 19 विधायकों की विधायकी को लेकर संवैधानिक संकट खड़ा होने की खबरें मीडिया में आने लगी। ये 19 विधायक वो ही है, जो सचिन पायलट के नेतृत्व में 12 जुलाई 2020 को दिल्ली गए थे। ये विधायक एक माह तक दिल्ली में ही रहे। इन 19 विधायकों में स्वयं सचिन पायलट भी थे। तब सीएम गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस और निर्दलीय विधायक एक माह तक होटलों में कैद रहे ताकि गहलोत सरकार बनी रहे। तब कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष लिखित शिकायत की। इस शिकायत में दिल्ली जाने वाले 19 विधायकों की विधायकी को समाप्त करने की मांग की गई। तब महेश जोशी ने तर्क दिया कि यह 19 विधायक पार्टी का विप जारी होने के बाद भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो बार नहीं आए। ऐसे में दल बदल विरोधी कानून के अंतर्गत इन विधायकों का विधायक पद समाप्त किया जाए। महेश जोशी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सभी 19 विधायकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। विधायक पद को बचाए रखने के लिए इन 19 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट तक में लड़ाई लड़ी। यहां तक कि वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से लंदन से पैरवी कर करवाई गई। हालांकि तब यह मामला शांत हो गया था, क्योंकि कांग्रेस के 19 विधायक एक माह बाद फिर से सीएम अशोक गहलोत के समर्थन में आ गया थे। लेकिन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जो संवैधानिक मुद्दा उठाया था वह आज भी खड़ा बताया जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार महेश जोशी के उसी संवैधानिक तर्क को लेकर कानूनी कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत कांग्रेस के दिल्ली जाने वाले 19 विधायको का विधायक पद समाप्त करने की मांग हो रही है। सवाल यही है कि जब जुलाई माह में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर 19 विधायकों को दल बदल विरोधी कानून के दायरे में लाया गया था तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं की? यदि उस कार्यवाही की जा रही थी तो फिर अब भी होनी चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लम्बी संवैधानिक बहस हुई, लेकिन तब भी महेश जोशी की ओर से यही तर्क दिए गए कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उपस्थित नहीं हो कर इन विधायकों ने दल बदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है। यानि विधायकों ने जो असंवैधानिक काम किया उस पर आज तक भी कार्यवाही नहीं हुई है। अब इसी मुद्दे को आधार बना कर संवैधानिक कार्यवाही किए जाने की खबरें आ रही है। ऐसी खबरे तब आ रही है, जब 7 जनवरी को ही सुप्रीम कोर्ट ने बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस बहुजन समाज पार्टी की ओर से दायर याचिका पर किए गए हैं। इस याचिका में कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने का जो निर्णय लिया है वह असंवैधानिक है। बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और कोई प्रादेशिक ईकाई किसी दूसरे दल में मर्ज होने का निर्णय नहीं ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद बसपा के इन 6 विधायकों की विधायकी पर भी संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। बसपा के ये छह विधायक हैं राजेन्द्र सिंह गुढा, लाखन सिंह, दीपचंद, जोगेन्द्र सिंह अबाना, संदीप कुमार और वाजिद अली। इसी प्रकार सचिन पायलट के साथ दिल्ली जाने वाले कांग्रेस के विधायकों में दीपेन्द्र सिंह शेखावत, राकेश पारीक, जीआर खटाना, मुरारीलाल मीणा, गजेन्द्र सिंह शक्तावत, इंद्रराज सिंह, भंवर लाल शर्मा, विजेन्द्र सिंह ओला, हेमा राम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, राम निवास गवाडिय़ा, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, हरीश मीणा, वेदप्रकाश सोलंकी व अमर सिंह जाटव।भाजपा नेता दिल्ली में :इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि जब राजस्थान में राजनीतिक संकट की खबरें रही है, तब 8 जनवरी को ही प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लम्बी मुलाकात की है। इन नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, प्रदेश के पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ आदि शामिल हैं। खास बात ये रही कि इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी महासचिव अरुण कुमार भी उपस्थित रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के भाजपा नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को मौजूदा राजनीतिक हालातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। बैठक में प्रदेश में होने वाले 90 नगर निकायों के चुनावों को लेकर भी विचार विमर्श हुआ है। S.P.MITTAL BLOGGER (08-01-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- spmittalbloggerBlog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829071511