अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का मुसलमानों के प्रति घृणा का कथन झूठा है। घृणा होती तो दरगाओं में जियारत के लिए हिन्दू नहीं जाते और न ही नसीरुद्दीन कामयाब अभिनेता बनते। काश! नसीरुद्दीन शाह कश्मीर में हो रही हिन्दुओं की हत्याओं पर भी बोलते।
देश के कामयाब फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपने एक ताजा बयान में कहा है कि देश में मुसलमानों के प्रति जो घृणा की लहर है, वह जल्द ही समाप्त हो जाएगी। नसीरुद्दीन शाह पहले भी ऐसे नकारात्मक और देश की छवि खराब करने वाले बयान देते रहे हैं। समझ में नहीं आता कि शाह को मुसलमानों के प्रति घृणा कैसे नजर आती है? देश में आम मुसलमान समृद्धि और सुकून के साथ रह रहा है। हिन्दू समुदाय के 100 परिवारों की बस्ती में दो चार मुस्लिम परिवार पूरे मान सम्मान के साथ रहते हैं। मुस्लिम परिवार के किसी भी सदस्य को 100 हिन्दू परिवारों से कोई खतरा नहीं है। मुस्लिम परिवार जितना सुरक्षित मुस्लिम आबादी में है, उससे कहीं ज्यादा सुरक्षित हिन्दू आबादी में रहने पर हैं। यह स्थिति देश के हर शहर में देखने को मिल जाएगी। अपराधी तत्वों को छोड़ कर आम मुसलमान देश में पूरे अधिकार के साथ रहा रहा है। यदि मुसलमानों के प्रति घृणा होती तो अजमेर सहित देश भर की प्रमुख दरगाहों में हिन्दू समुदाय के लोग जियारत के लिए नहीं जाते। अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिमों की प्रतिनिधि संस्था अंजुमन सैयद जादगा के अध्यक्ष मोइन सरकार और सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा है कि दरगाह में 70 से 80 प्रतिशत लोग हिन्दू समुदाय के आते हैं। नसीरुद्दीन शाह को शायद यह नहीं पता होगा कि ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में देश के प्रधानमंत्री की ओर से सूफी परंपरा के अनुरूप चादर पेश की जाती है और इस परंपरा को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रतिवर्ष निभा रहे हैं। पीएम मोदी न केवल चादर भेजते हैं, बल्कि ख्वाजा साहब की दरगाह को कौमी एकता का स्थान बता कर संदेश भी जारी करते हैं। यदि मुसलमानों के प्रति घृणा होती तो नसीरुद्दीन शाह के साथ सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान आदि अभिनेता कामयाब नहीं होते। नसीरुद्दीन शाह भारत के मुसलमानों को लेकर घृणा की बात कर रहे हैं, जबकि भारतीय फिल्म उद्योग में तो पाकिस्तान के कलाकार भी काम कर करोड़ों रुपया कमा रहे है। नसीरुद्दीन शाह भी अच्छी तरह जानते हैं कि मुस्लिम राष्ट्रों से भी ज्यादा समृद्धि और सुकून के साथ मुसलमान भारत में रह रहे हैं। जो अधिकार मुस्लिम राष्ट्रों में नहीं मिल रहे हैं, वो अधिकार मुसलमानों के पास भारत में है। पिछले दिनों जमीयत उलेमा ए हिन्द का दो दिवसीय जलसा उत्तर प्रदेश के देवबंद में हुआ। इस जलसे में संस्था के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने सीना ठोक कर कहा कि यह देश मुसलमानो का है, जिन्हें मुसलमानों के रहने पर एतराज हैं वे देश छोड़ कर चले जाएं। मदनी के इस बयान पर किसी ने भी एतराज नहीं किया। यानी भारत में 23 करोड़ मुसलमानों के अधिकार पूर्वक रहने पर किसी को एतराज नहीं है। जिस देश ने नसीरुद्दीन शाह को अपने माथे पर बैठाया, वही नसीरुद्दीन शाह बेवजह देश की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे यह अच्छा है कि नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार के चेहरे पर से नकाब उतरता जा रहा है। हिन्दुओं की हत्या भी बोले:भारत एक लोकतांत्रिक देश होने के साथ धर्मनिरपेक्ष भी है, इसलिए नसीरुद्दीन शाह को अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन अच्छा होता कि नसीरुद्दीन शाह मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर में हो रही हिन्दुओं की हत्याओं पर भी अपने विचार रखते। नसीरुद्दीन को यह तो पहा ही होगा कि दुश्मन देश पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आतंकवादी कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या कर रहे हैं। इन हत्याओं की वजह से हिन्दू समुदाय के लोग एक बार फिर कश्मीर छोड़ने को मजबूर हैं। नसीरुद्दीन शाह बताएं कि क्या कश्मीर में हिन्दुओं को रहने का अधिकार नहीं है? आतंकवादी चुन चुन कर हिन्दुओं की हत्या कर रहे हैं। घृणा तो यह है कि कश्मीर में हिन्दुओं को मारा जा रहा है, लेकिन हिन्दुओं के प्रति इस घृणा को नसीरुद्दीन शाह चुप है। S.P.MITTAL BLOGGER (09-06-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511