राजस्थान में सभी 400 पीसीसी सदस्य अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के हैं, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अकेले राहुल गांधी के नाम पर मुहर। अजमेर के 16 पीसीसी सस्यों में से 9 सचिन पायलट के कट्टर समर्थक। डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी रूपनगढ़ से सदस्य बने। रघु शर्मा अपने पुत्र को सदस्य बनाने में सफल। पुष्कर का विधायक बनने का ख्वाब देखने वाले आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को बानसूर जाना पड़ा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के घोषित चुनाव के मद्देनजर 17 सितंबर को जयपुर में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 400 सदस्यों की एक बैठक हुई। हालांकि 400 सदस्यों के नामों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन ऐसे सभी सदस्यों को बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने पर समर्थकों में भी कोई विवाद नहीं है। गहलोत और पायलट पहले ही राहुल गे समर्थन में बयान दे चुके हैं। यदि राहुल के स्थान पर अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो भी पायलट के समर्थकों को कोई एतराज नहीं है। उल्टे गहलोत के अध्यक्ष बनने से पायलट समर्थ खुश हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार प्रभारी महासचिव अजय माकन ने पीसीसी सदस्य बनवाने में पायलट गुट को प्राथमिकता दी है।
अजमेर में 16 में से 9 पायलट के समर्थक:
अजमेर जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों में जिन 16 कांग्रेसियों को प्रदेश कांग्रेस कार्य समिति का सदस्य बनाया गया है जिनमें से 9 सचिन पायलट के कट्टर समर्थक है। इनमें पुष्कर से श्रीमती नसीम अख्तर, अजमेर उत्तर से महेंद्र सिंह रलावता, विजय जैन, अजमेर दक्षिण से हेमंत भाटी, नसीराबाद से रामनारायण गुर्जर, मसूदा से राकेश पारीक और संग्राम सिंह, किशनगढ़ से राजू गुप्ता तथा ब्यावर से पारस पंच शामिल हैं। इसी प्रकार रूपनगढ़ (पुष्कर) से रामचंद्र चौधरी, अजमेर दक्षिण से डॉ. राजकुमार जयपाल, नसीराबाद से महेंद्र सिंह गुर्जर, किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया, केकड़ी सागर शर्मा, भूपेंद्र सिंह राठौड़ तथा ब्यावर से सहदेव सिंह रावत को गहलोत गुट का माना जाता है। इन 16 नामों में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का नाम न आने को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डॉ. बाहेती को सीएम गहलोत का समर्थक माना जाता है। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के रूपनगढ़ ब्लॉक से अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी का पीसीसी सदस्य बनना भी महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है। हालांकि चौधरी की दावेदारी मसूदा में रही है। लेकिन इस बार उन्हें रूपनगढ़ से सदस्य बनाया गया है। रूपनगढ़ भले ही पुष्कर में आता हो, लेकिन यह क्षेत्र किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सटा हुआ है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने खास नजरिए से चौधरी को रूपनगढ़ से सदस्य बनाया है। चौधरी का जाट समुदाय में खास प्रभाव है और किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य माना जाता है। वर्ष 2018 के चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी की किशनगढ़ से जमानत जब्त हो गई थी। केकड़ी के विधायक और मौजूदा समय में गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा केकड़ी से अपने पुत्र सागर शर्मा को सदस्य बनाने में सफल रहे हैं। पिछले दिनों ही सागर को यूथ कांग्रेस का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में रघु शर्मा की जगह उनके पुत्र ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। रघु शर्मा की सिफारिश से ही देहात कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ भी सदस्य बने हैं। लेकिन रघु शर्मा अपने समर्थक दीपक हसानी को अजमेर उत्तर से सदस्य बनवाने में विफल रहे हैं। अभी तक हासानी ही उत्तर क्षेत्र से सदस्य थे।
राठौड़ को बानसूर जाना पड़ा:
जो आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को अजमेर का सांसद और डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को विधायक बनवाने का दावा कर रहे थे, उन राठौड़ को अजमेर के बजाए अलवर के बानसूर विधानसभा क्षेत्र से सदस्य बनाया गया है। राठौड़ पुष्कर से विधायक बनने का ख्वाब देख रहे हैं। राठौड़ पुष्कर में लगातार सक्रिय हैं। लेकिन पुष्कर से पीसीसी सदस्य न बनने से राठौड़ को राजनीतिक झटका लगा है। राठौड़ को सीएम अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है। जानकारों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की वजह से धर्मेन्द्र राठौड़ को बानसूर जाना पड़ा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (17-09-2022)
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