जो काम अशोक गहलोत खुद नहीं कर सके, उसकी उम्मीद अब भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल से है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद का मामला। एमएसपी पर खरीद की सीलिंग बड़ा मुद्दा।

18 मार्च को दिन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा कि भाजपा सरकार को तत्काल प्रभाव से सरसों की उपज की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करनी चाहिए। गहलोत का कहना रहा कि किसान अपनी उपज मंडियों तक ले आए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक भी खरीद नहीं की है। ऐसे में किसानों को कम दर पर अपनी उपज व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है। चूंकि सरसों की उपज राजस्थान के आम किसान से जुड़ी हुई है, इसलिए न्यूज 18 (राजस्थान) नेटवर्क पर रात 8 बजे गहलोत के बयान पर लाइव डिबेट रखी गई। इस डिबेट में मेरे साथ सीकर के सांसद कामरेड अमराराम चौधरी, किसान यूनियन के नेता रामपाल जाट, भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज व कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शैलेंद्र गर्ग शामिल हुए। चैनल की ओर से एंकर हेमंत कुमार ने तीखे सवाल रखे। रामपाल जाट और मेरा कहना रहा कि अशोक गहलोत आज जो मुद्दा उठा रहे है उससे पहले यह बताना चाहिए कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान में सरसों की उपज की खरीद कब की गई। पिछले आंकड़े बताते हैं कि मार्च माह में सरसों की खरीद एमएसपी पर नहीं हुई। आमतौर पर अप्रैल माह में ही सरसों की खरीद होती रही है। यानी जो काम अशोक गहलोत खुद नहीं कर सके उसकी उम्मीद भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से की जा रही है। यह सही है कि राजस्थान में देश की चालीस प्रतिशत सरसों उत्पादित होती है, इसलिए सरसों की खरीद राजस्थान के लिए बड़ा मुद्दा हे। अब जब यह दावा किया जाता है कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी चाहिए कि प्रदेश में सरसों की खरीद मार्च माह में ही शुरू हो जाए।सरकार ने सरसों की एमएसपी पांच हजार 950 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखी है। चूंकि अभी एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई, इसलिए किसानों को पांच हजार से लेकर साढ़े पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है। इसकी वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। यदि मार्च माह में ही सरसों की खरीद शुरू हो जाती है तो यह माना जाएगा कि डबल इंजन की सरकार का फायदा राजस्थान के किसानों को मिल रहा है। 

सीलिंग का भी बड़ा मुद्दा:
सरसों की एमएसपी पर खरीद से भी बड़ा मुद्दा खरीद की सीलिंग है। केंद्र सरकार ने एक किसान से 25 क्विंटल उपज ही खरीदने की सीलिंग कर रखी है। यानी एक किसान एमएसपी पर 25 क्विंटल उपज ही बेच सकता है। यदि किसी किसान के पाव 25 क्विंटल से ज्यादा उपज है तो उसे शेष उपज खुले बाजार में सस्ती दरों पर बेचनी होगी। किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि राजस्थान में सरसों की खरीद फरवरी माह से ही करने और सीलिंग हटाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चुका है। लेकिन कोई भी सरकार किसानों की नहीं सुनती। लाइव डिबेट में भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि गत वर्ष राजस्थान में मूंगफली की रिकॉर्ड खरीद हुई है। अशोक गहलोत ने अपने 15 वर्ष के शासन में जितनी मूंगफली खरीदी उससे ज्यादा एक वर्ष में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने खरीदी है। वहीं सांसद अमराराम चौधरी व कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ.गर्ग ने दावा किया कि गत कांग्रेस के शासन में किसानों को प्रतिदिन आठ घंटे बिजली की सप्लाई की जा रही थी।  

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