पांच लाख भारतीय मुस्लिम महिलाओं के पाकिस्तानी पुरुषों के साथ निकाह करने के भी बहुत मायने है। ऐसी अधिकांश महिलाएं अपने बच्चों के साथ भारत में ही रह रही है।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए है। भारत सरकार की इसी कवायद के दौरान पता चला कि पांच लाख भारतीय मुस्लिम महिलाओं ने पाकिस्तानी पुरुषों के साथ निकाह किया है। निकाह करने का सिलसिला पिछले पचास वर्षों से जारी है। यही वजह है कि निकाह करने वाली महिला अब नानी और दादी भी बन गई है। आमतौर पर निकाह के बाद महिलाएं अपने शौहर के साथ चली जाती है, लेकिन जिन भारतीय मुस्लिम महिलाओं ने पाकिस्तानी पुरुषों के साथ निकाह किया, उनमें से अधिकांश भारत में ही रह रही है। भारत में ऐसा कानून है कि पाकिस्तानी पुरुष के साथ निकाह करने के बाद भी भारतीय महिलाएं भारत में ही रह सकती है। जो बच्चे पैदा होंगे उन्हें भी मां के दस्तावेजों के आधार पर भारत की नागरिकता मिल जाएगी। ऐसे बच्चों के पिता भले ही पाकिस्तान के नागरिक हो, लेकिन भारत में ऐसे बच्चों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा। आंकड़े बताते हैं कि सरकारी योजनाओं में 37 प्रतिशत लाभार्थियों की आबादी मुसलमानों की है। यानी जिन बच्चों के पिता पाकिस्तानी है वे भी भारत में प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त अनाज की सुविधा प्राप्त कर रहे है। हालांकि भारत के कानून के मुताबिक यह कोई अपराध नहीं है, लेकिन पांच लाख भारतीय मुस्लिम महिलाओं के पाकिस्तानी पुरुषों के साथ निकाह के बहुत मायने है। आमतौर पर एक मुस्लिम परिसर में न्यूनतम पांच बच्चे होते ही है। जब पिछले पचास वर्षों से यह सिलसिला जारी है तो मुस्लिम परिवारों के सदस्यों की संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है। पाकिस्तानी पुरुष के माध्यम से जन्म लेने वाले लाखों बच्चे भारत में ही विवाह भी कर रहे है। ऐसे बच्चे पूरी तरह भारतीय नागरिक माने जा रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (30-04-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511