अब यदि हाईकोर्ट एसआई भर्ती की परीक्षा रद्द करता है तो चयनित ईमानदार थानेदारों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का बहुत आधार है। सबसे बड़ी गवाही तो भजन सरकार की ही होगी।
1 जुलाई को हाईकोर्ट में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि कांग्रेस के शासन में हुई सब इंस्पेक्टर पुलिस भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द नहीं किया जाएगा। सरकार के इस शपथ पत्र के बाद जस्टिस समीर जैन ने मामले की सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख निर्धारित की है। माना जा रहा है कि जस्टिस जैन 7 जुलाई को परीक्षा को रद्द करने अथवा नहीं करने के बारे में फैसला सुनाएंगे। परीक्षा के अनेक अभ्यर्थियों ने परीक्षा को रद्द करने की याचिका प्रस्तुत कर रखी है। यह वही बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा है, जिसको लेकर कांग्रेस शासन में भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन अब सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार का कहना है कि परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने बेईमानी की उन्हें परीक्षा प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। ऐसे बेईमान अभ्यर्थी मात्र 6 प्रतिशत ही है। इसलिए पूरी परीक्षा को रद्द कर 94 प्रतिशत चयनित ईमानदार थानेदारों को सजा नहीं दी जा सकती। सरकार की ओर से कहा गया है कि चयनित थानेदारों में से 312 पहली बार किसी नौकरी में आए हैं, जबकि 550 ऐसे चयनित थानेदार है जो पूर्व में किसी न किसी पद पर कार्यरत थे। थानेदार के पद पर चयन होने के बाद ऐसे 550 अभ्यर्थियों ने पूर्व की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। अब यदि यह परीक्षा रद्द की जाती है तो ऐसे अभ्यर्थियों के साथ कुठाराघात होगा। सरकार ने शपथ पत्र देकर कहा के एसआईटी की जांच में जिन अभ्यर्थियों को निर्दोष माना गया है उन्हें ही थानेदार के पद पर नियुक्ति दी जा रही है। जिन अभ्यर्थियों ने राजस्थान लोक सेवा आयोग से प्रश्न पत्र हासिल कर परीक्षा दी, या डमी परीक्षार्थी के माध्यम से परीक्षा पास की उन सभी की पहचान कर ली गई है। ऐसे 55 चयनित अभ्यर्थियों से थानेदार बनने का सर्टिफिकेट छीन लिया गया है। सरकार ने हाईकोर्ट में परीक्षा रद्द न करने को लेकर जो तर्क दिए है उससे साफ जाहिर है कि अब यदि हाईकोर्ट परीक्षा को रद्द करता है तो चयनित थानेदारों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का बड़ा आधार होगा। सबसे बड़ी गवाही तो खुद राज्य की भजन सरकार की होगी। यह बात अलग है कि पूर्व में जांच एजेंसी एसओजी पुलिस मुख्यालय और कैबिनेट सब कमेटी ने परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की थी, लेकिन रद्द करने वाली सभी सिफारिशों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री कार्यालय ने परीक्षा को रद्द करने से इंकार कर दिया। सरकार का अब कहना है कि कांग्रेस के शासन में इन परीक्षा में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं हुई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (02-07-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511