तो कांगे्रस का प्रायोजित प्रोग्राम था ब्रह्म मंदिर में राहुल गांधी के केसरिया साफा बंधवाना।

तो कांगे्रस का प्रायोजित प्रोग्राम था ब्रह्म मंदिर में राहुल गांधी के केसरिया साफा बंधवाना।
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26 नवम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना करने के बाद संसार प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर में दर्शन भी किए। ब्रह्मा मंदिर पर इस समय अजमेर की जिला कलेक्टर आरती डोगरा प्रशासक के तौर पर कार्यरत हैं। चूंकि चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए कलेक्टर के प्रशासक वाले मंदिर में कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं हो सकती। लेकिन फिर भी मंदिर परिसर में राहुल गांधी के सिर पर लम्बा केसरिया साफा बंधवाया गया, ताकि राहुल गांधी की हिन्दुत्व की छवि को और निखारा जा सके। 27 नवम्बर को अखबारों में राहुल के साफे वाले फोटो ही छपे हैं और साफा बंधवाने की खबर भी प्रमुखता से छपी है,ं जबकि ब्रह्मा मंदिर के पुजारी कमलेश वशिष्ठ, लक्ष्मीनारायण वशिष्ठ, कृष्णगोपाल वशिष्ठ का कहना है कि राहुल गांधी को साफा बंधवाना मंदिर की धार्मिक रस्म में शामिल नहीं है और न ही साफा बंधाने वाले प्रज्ञानपुरी का मंदिर के पुजारी परिवार से कोई सरोकार है। मंदिर की परंपरा के अनुरूप पुजारी परिवार की ओर से राहुल गांधी को मंदिर की तस्वीर और प्रसाद भेंट किया गया। मंदिर में दर्शन के बाद प्रज्ञानपुरी ने राहुल गांधी के सिर पर केसरिया साफा बांधा और विजय भव का आशीर्वाद दिया। साफा बंधवाने की प्रक्रिया में पुष्कर से कांग्रेस की उम्मीदवार श्रीमती नसीम अख्तर की भूमिका रही। श्रीमती अख्तर की सिफारिश पर ही प्रज्ञानपुरी को मंदिर परिसर का पास जारी हुआ। असल में प्रज्ञानपुरी का महाराष्ट्र में अपना आश्रम है, लेकिन दिवंगत महंत लहरपुरी महाराज से मित्रता की वजह से मंदिर परिसर में एक कमरा ले लिया था। प्रज्ञानपुरी जब महाराष्ट्र से पुष्कर आते है तो अपने कमरे में ही निवास करते हैं। जब कोई वीआईपी ब्रह्मा मंदिर में आता है तो प्रज्ञानपुरी महाराष्ट्र से पुष्कर आ जाते हैं। प्रज्ञानपुरी का झुकाव कांग्रेस की ओर माना जाता है। इसलिए पिछले दिनों कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती अख्तर के नामांकन के समय भी प्रज्ञानपुरी उपस्थित रहे। राहुल गांधी के सिर पर केसरिया साफा बांधकर प्रज्ञानपुरी हाथों हाथ चर्चा में आ गए। राहुल के चले जाने के बाद प्रज्ञानपुरी ने गर्व से कहा कि मैंने राहुल को विजय भव का आशीर्वाद दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सवाल पर प्रज्ञानपुरी ने कहा कि वे अभी तक अयोध्या ही नहीं गए हैं। तो पुष्कर क्या आएंगे? पिछले दिनों जब राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ब्रह्मा मंदिर में आए थे, तब पुलिस ने प्रज्ञानपुरी को मंदिर परिसर में घुसने नहीं दिया था। राष्ट्रपति के पुष्कर में रहने तक प्रज्ञानपुरी पुलिस की हिरासत में रहे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक प्रायोजित प्रोग्राम में राहुल के सिर पर केसरिया साफा बंधवाया गया। इस सब में श्रीमती नसीम अख्तर को राजनीतिक फायदा हुआ है, क्योंकि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट भी साफा बंधवाने के कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (27-11-18)
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