अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह भी तालाब बनी। दरगाह का ऐतिहासिक सलीबी गेट क्षतिग्रस्त। स्मार्ट सिटी की फिर पोल खुली।
2 जुलाई को अजमेर में जो मूसलाधार वर्षा हुई उससे सुप्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह भी तालाब बन गई। 2 जुलाई को मोहर्रम माह की छठी का दिन होने के कारण जायरीन की संख्या भी बहुत ज्यादा थी। दरगाह का परिसर जब तालाब बना तो जायरीन को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दरगाह के सेन चिराग के अंदर तक पानी का प्रवेश हो गया। इसी पानी में बच्चों को तैरते हुए भी देखा गया। चूंकि दरगाह परिसर में पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं है, इसलिए अभी तक भी परिसर में पानी भरा हुआ है। तेज बरसात के कारण दरगाह का ऐतिहासिक सलीबी गेट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। सलीबी गेट के पास बने हुजरे (खादिमों के बैठने का स्थान) को भी नुकसान हुआ है। दरगाह परिसर के अंदर इंतजाम और रखरखाव करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन संचालित दरगाह कमेटी की है। खादिमों का आरोप है कि दरगाह कमेटी दरगाह परिसर का रख रखाव करने में असमर्थ है। दो जुलाई की तेज बारिश के कारण दरगाह के अंदर तो जायरीन को परेशानी हुई ही, साथ ही दरगाह के बाहर अंदर कोट, नला बाजार क्षेत्र में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरगाह के बाहर चार फीट ऊंचाई पर पानी बह रहा था। जब बरसात होती है तो सीवरेज का गंदा पानी नालियों से उफन कर सड़कों पर आ जाता है। प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी सीवरेज सिस्टम को ठीक नहीं किया जा रहा है। दरगाह के निकट ही नला बाजार है, जो अपने नाम के अनुरूप नाले में तब्दील हो गया। नला बाजार ही नहीं अजमेर के मदार गेट कचहरी रोड स्टेशन रोड, कैसरगंज आदि बाजारों में भी चार चार फीट पानी भर गया। एक अनुमान के अनुसार इन बाजारों में खड़े एक हजार से भी ज्यादा दुपहिया वाहन खराब हो गए। मोटर साइकिल और स्कूलों को पानी में बहते हुए देखा गया। तेज बरसात की वजह से अजमेर के प्रमुख समारोह स्थल मेरवाड़ा एस्टेट की दीवार भी ढह गई। इससे मुख्य समाोह स्थल पर जाने में लोगों को परेशानी हो रही है। दीवार ढहने से चढ़ाई वाली रास्ता खतरनाक स्थिति में आ गया है। बरसात से पहले आनासागर का जल स्तर तीन फीट घटाया गया था, लेकिन एक ही बरसात में आनासागर फिर से भर गया है। तेज बारिश की वजह से स्मार्ट सिटी की एक बार फिर पोल खुल गई है। हालांकि सड़कों पर पानी जमा होने से होने वाली परेशानी होना शहरवासियों के लिए आम बात है, लेकिन सवाल उठता है कि स्मार्ट सिटी परियोजना पर जो दो हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई इसका लाभ देखने को नहीं क्यों नहीं मिलता। हर बार बरसात में जल जमाव हो जाता है। सबसे बड़ी समस्या तो सीवरेज सिस्टम की है। बेवकूफ इंजीनियरों ने सड़क के बीच में सीवरेज के पाइप डाले हैं। जब भी बरसात होती है तो सीवरेज का पानी उफन कर सड़कों पर आ जाता है। सीवरेज के पानी को शुद्ध करने के लिए आनासागर में ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया था, लेकिन यह प्लांट भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसलिए आनासागर में भी मलमूत्र वाला पानी समा रहा है। बरसात की वजह से आनासागर गंदे कुंड में तब्दील हो गया है। आनासागर से लगातार दुर्गंध आ रही है।
सीवरेज के लिए खोदा गड्ढा:
अजमेर के वार्ड संख्या 36 की पंचवटी कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर सीवरेज लाइन के लिए बीस फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है। यह गड्ढा भी बरसात के पानी से भर गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि इस मार्ग पर दो स्कूल संचालित है और बच्चों को भी इसी मार्ग से होकर स्कूल आना जाना पड़ता है। गड्ढे की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसी स्थिति शहरभर में है।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-07-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511