अजमेर में साइंस पार्क बनाने के इच्छुक नहीं है अधिकारी-विधायक देवनानी। स्मार्ट सिटी योजना 8 माह बाद बंद हो जाएगी। 13 नवंबर को मूक बधिर और दृष्टि बाधित बच्चों के लिए लगेगा मेला।

पूर्व मंत्री और अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन के मौजूदा अधिकारी पंचशील क्षेत्र में साइंस पार्क बनाने के इच्छुक नहीं है। यदि साइंस पार्क नहीं बनता है तो यह अजमेर के साथ अन्याय होगा। देवनानी ने बताया कि भाजपा के शासन में 2017 में पंचशील स्थित झलकारी बाई स्मारक के निकट साइंस पार्क का शिलान्यास हुआ था। इसके लिए 17 करोड़ रुपए आवंटित भी किए गए। देवनानी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत केंद्र सरकार ने साइंस पार्क के लिए 50 प्रतिशत राशि दे भी दी। लेकिन अब इस पार्क को बनाने में अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। असल में अधिकारियों ने प्रदेश के साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग को भूमि का जो नक्शा भेजा है वह गलत है। अधिकारियों को भूमि की मौजूदा स्थिति का नक्शा भेजना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने पुराने नक्शे को भेज दिया। देवनानी ने बताया कि 90 लाख रुपए खर्च कर साइंस पार्क की भूमि को समतल कर दिया गया है, लेकिन नक्शे में इस तथ्य को छुपाया गया। अब अधिकारियों ने साइंस पार्क के प्रस्ताव को निरस्त करने का आग्रह भी कर दिया है। इस संबंध में उनकी बात साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख संदीप वर्मा से हुई है। वर्मा ने भरोसा दिलाया है कि अजमेर में साइंस पार्क के बारे में उचित निर्णय लिया जाएगा। देवनानी ने बताया कि अजमेर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत जो कार्य चल रहे हैं, वे जून 2023 तक पूरे हो जाएंगे। यानी 8 माह बाद स्मार्ट सिटी की योजना बंद हो जाएगी। ऐसे में अधिकारी नहीं चाहते कि कोई नया काम शुरू किया जाए। देवनानी ने कहा कि साइंस पार्क का मुद्दा उन्होंने विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरोप लगाते हैं कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद कर दिया जाता है, लेकिन साइंस पार्क का मामला गहलोत के दावों की पोल खोलता है। भाजपा के शासन में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को चालू रखा जाता है, लेकिन कांग्रेस में शासन में भाजपा सरकार की योजनाओं को बंद किया जाता है। इसका उदाहरण अजमेर का साइंस पार्क है। उन्होंने कहा कि साइंस पार्क के लिए वे जद्दोजहद करते रहेंगे। यदि साइंस पार्क नहीं बनता है तो राज्य सरकार को केंद्र सरकार से प्राप्त राशि भी लौटानी पड़ेगी। 
मेला 13 को:
मूक बधिर और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए 13 नवंबर को कोटड़ा स्थित मंगलम् फ्लैट के पीछे बने अपना घर संस्थान में  मेला आयोजित किया गया है। इस मेले से जुड़े समाजसेवी सुबोध जैन ने बताया कि मेले में सभी बच्चों को नि:शुल्क व्यंजन उपलब्ध करवाए जाएंगे। यह मेला सायं चार बजे से शुरू होगा। मेले में बच्चों के लिए लक्की ड्रॉ के साथ साथ कैमल सफारी, घुड़सवारी, झूले आदि की व्यवस्था भी की है। इसी दौरान मूक बधिर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। सुबोध जैन ने सभी मूक बधिर और दृष्टिबाधित बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों के साथ मेले में भाग लें। मेले के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413312831 पर सुबोध जैन से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-11-2022)
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