आखिर कांग्रेस अब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान को क्यों छुपाना चाहती है? ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को भाजपा का दलाल बताया।

21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब डॉ. मनमोहन सिंह कांग्रेस के गठबंधन वाली यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ऐसे मुद्दे उठाकर पीएम मोदी देश के लोगों को भटकना चाहते हैं। राहुल गांधी के बयान से ही यह सवाल उठा है कि आखिर कांग्रेस अपने ही प्रधानमंत्री के बयान को क्यों छुपाना चाहती है? सब जानते हैं कि 2006 में डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए स्पष्ट तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। पूर्व पीएम के बयान को आधार बनाकर जब नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के समक्ष सवाल खड़े किए तो राहुल गांधी अपनी ही सरकार के प्रधानमंत्री के बयान को छुपाने में लग गए। देश के मतदाताओं को कांग्रेस का यह दोहरा चरित्र समझना चाहिए। नरेंद्र मोदी अपनी ओर से कांग्रेस और विपक्ष की विचारधारा को बार बार सार्वजनिक कर रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो देश में कैसे हालात उत्पन्न होंगे। इंडिया गठबंधन में शामिल डीएमके पहले ही कह चुका है कि भारत से सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाएगा। 
कांग्रेस भाजपा की दलाल:
टीएमसी भले ही विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल हो, लेकिन टीएमसी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस को भाजपा का दलाल बताया है। ममता का कहना है कि कांग्रेस ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए बंगाल में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच एक सीट पर भी समझौता नहीं हुआ है। टीएमसी ने जब कांग्रेस को एक भी सीट समझौते में नहीं दी तो कांग्रेस ने अधिकांश स्थानों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए। बंगाल में कांग्रेस और वामदल मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी का मानना है कि कांग्रेस और वामदल के गठबंधन से बंगाल में भाजपा को फायदा हो रहा है। ममता की सबसे ज्यादा नाराजगी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता और बहरामपुर से उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी को हराने के लिए पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर से ममता ने अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां अधीर रंजन कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। अधीर रंजन ने कहा कि यदि वे यूसुफ पठान से चुनाव हार जाते हैं तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-04-2024)
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