कांग्रेस की गंदी राजनीति के पोस्टर गंदी जगह (मूत्रालय) पर ही लगे। अशोक गहलोत के पुत्र वैभव को लेकर अजमेर में पहले भी पर्चे वितरित हो चुके हैं। ताजा गंदी राजनीति भी उसी गैंग का काम है।

कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान में 5 अक्टूबर को अजमेर के सर्किट हाउस में कांग्रेसियों के बीच जो झगड़ा हुआ, वह शांत भी नहीं हुआ था कि 6 अक्टूबर को एक मूत्रालय में कांग्रेस की गंदी राजनीति का पोस्टर देखने को मिल गया। अब इस पोस्टर को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। यह पोस्टर आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को लेकर है। पोस्टर में राठौड़ पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई है। राठौड़ के समर्थकों ने पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन देकर उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है, जिन्होंने ऐसे पोस्टर लगाए। असल में जिन लोगों ने पोस्टर लगाए उन्होंने मुश्किल से दो तीन स्थानों पर ही पोस्टर लगाए और बाद में एक दो यूट्यूबर्स को फोन कर पोस्टर की जानकारी दे दी। सोशल मीडिया के जमाने में दो तीन पोस्टरों ने ही लाखों पोस्टरों का काम कर दिया। धर्मेन्द्र राठौड़ इन पोस्टरों को भले ही भाजपा की साजिश बताए, लेकिन सवाल उठता है कि राठौड़ को अजमेर से भगाने से भाजपा को क्या फायदा होगा? असल में यह कांग्रेस का आंतरिक विवाद है। सचिन पायलट के समर्थक नहीं चाहते कि धर्मेन्द्र राठौड़ अजमरे में राजनीति करें। इसलिए पोस्टर में राठौड़ को दलाल और चोर बताते हुए अजमेर छोड़ने की सलाह दी है। मजे की बात तो यह है कि इसी पोस्टर में वोट चोर गद्दी छोड़ का भी उल्लेख किया गया है। यानी कांग्रेस खुद ही अपनी पार्टी में चोर होने की बात स्वीकार कर रही है। पांच अक्टूबर को भी केंद्रीय पर्यवेक्षक अशोक तंवर के सामने पायलट के समर्थकों ने धर्मेन्द्र राठौड़ का विरोध किया था। पायलट के समर्थक चाहे जितना विरोध करें, लेकिन पिछले तीन वर्षों से धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर में निरंतर सक्रिय हैं। राठौड़ को पूर्व सीएम अशोक गहलोत का पूरा संरक्षण है।  
पूर्व में भी पर्चे:
अजमेर कांग्रेस की राजनीति में विवादों की जड़ हे। पूर्व में अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को लेकर भी अजमेर में पर्चे बांट चुके हैं। तब वैभव पर अजमेर के भू-कारोबारियों से दोस्ती के आरोप लगे थे। तब गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इन पर्चो का ही असर रहा कि तब उन भू-आवंटनों को रद्द किया गया, जिसकी और पर्चों में इशारा किया गया था। तभी से वैभव गहलोत का अजमेर आना भी बंद हो यगा। माना जा रहा है कि ताजा विवाद भी अशोक गहलोत पर ही हमला है। कांग्रेस भले ही संगठन सृजन अभियान चला रही हो, लेकिन इससे अधिकांश जिलों में कांग्रेस को नुकसान ही हो रहा है। माना जा रहा है कि जिस गैंग से पूर्व में पर्चे वितरित करवाए, उसी गैंग ने राठौड़ वाले पोस्टर लगाए हैं। पुलिस चाहे जितनी भी छानबीन कर ले, लेकिन गैंग के सदस्यों का पता नहीं लगाया जा सकता। अलबत्ता कांग्रेस में सबको पता है कि पोस्टर किसने लगाए हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (07-10-2025)
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