एडीए अध्यक्ष हेड़ा के दौरे में चौकाने वाले घोटाले सामने आए। अब क्या करेंगे हेड़ा?
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23 मार्च को अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने प्राधिकरण के योजना क्षेत्रों का सघन दौरा किया। हेड़ा ने अपनी आंखों से देखा कि प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से किस तरह कब्जे और अतिक्रमण हो रखे हैं। जिस भूमि का मुआवजा ले लिया गया, उस पर भी पुराने खातेदारों के नाम पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर रखा है। करोड़ों नहीं, अरबों रुपए की भूमि पर गैरकानूनी तरीके से कब्जे हो रखे हैं। हेड़ा खुद नहीं समझ पाए कि ऐसा कैसे हो रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हेड़ा ने योजना क्षेत्रों का दौरा कर एक अच्छी पहल की है। अब जब हेड़ा को प्राधिकरण के घोटालों के बारे में पता चल गया है तो उन्हें दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तो सख्त कार्यवाही करनी ही चाहिए। साथ ही सख्ती से कब्जों को हटाया जाए। सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवाना चाहिए। यह बेहद ही शर्मनाक बात है कि प्राधिकरण की आवासीय कॉलोनियों के भूखण्डों पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से भू-माफियाओं ने अदालतों से स्टे भी ले रखे हैं। हेड़ा को चाहिए कि जो मुकदमें अदालत में चल रहे हैं, उनमें भी प्राधिकरण की ओर से ईमानदारी के साथ पैरवी करवाई जाए।
हेड़ा यदि वाकई प्राधिकरण के हालात सुधारना चाहते हैं तो उन्हें सख्त रवैया अपनाना पड़ेगा। जिन प्रभावशाली लोगों ने प्राधिकरण की आवासीय कॉलोनियों में व्यवसायिक निर्माण कर लिए हैं उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करनी होगी। हेड़ा माने या नहीं, लेकिन ऐसे सभी अवैध निर्माणों की जानकारी प्राधिकरण के संबंधित इंजीनियरों की होती है। अच्छा हो हेड़ा वर्तमान इंजीनियरों से सतर्क रहकर निर्णय लें। जिन इंजीनियरों पर आरोप हैं वो ही इंजीनियर इन दिनों हेड़ा के सलाहकार बने हुए हैं। यह माना कि प्राधिकरण में इंजीनियरों की भी कमी है, लेकिन इस चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी हेड़ा की ही है।
एस.पी.मित्तल) (23-03-17)
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