ख्वाजा साहब द्वारा हजरत इमाम हुसैन की शान में लिखी रूबाई की तस्वीर अजमेर की दरगाह में लगी। जायरीन के लिए अकीदत का केन्द्र रहेगी यह तस्वीर।

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सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह के इतिहास में 26 मार्च को एक और अध्याय जुड़ गया है। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, ईरान के धर्म गुरु हिज्र तुल इस्लाम वल और ईरान के भारत स्थित राजदूत गुलाम रजा अंसारी ने एक तस्वीर को दरगाह के बुलंद दरवाजे की दीवार पर स्थापित किया। इस तस्वीर में उन शब्दों को लिखा गया है, जो ख्वाजा साहब ने अपने जीवनकाल में पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शान में लिखे हैं। चूंकि ख्वाजा साहब ईरान से ही भारत और अजमेर आए थे इसलिए ईरान के मशहूर कलाकारों ने पूरी शिद्दत के साथ शब्दों को उकेरा है। उर्दू और फारसी भाषा में लिखी इस इबादत में इमाम हुसैन का दर्जा तब के बादशाह से भी बड़ा बताया गया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह तस्वीर दरगाह में आने वाले जायरीन के लिए अकीदत का केन्द्र होगी। आज भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों में ख्वाजा साहब की दरगाह के प्रति जबर्दस्त अकीदत है। पवित्र मजार पर सजदा करने के लिए दुनिया भर से मुसलमान आते हैं। ख्वाजा साहब की दरगाह के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब ख्वाजा साहब के लिखे शब्दों को प्रदर्शित किया गया है। शब्द भी पैगम्बर मोहम्मद साहब और उनके नवासे हजरत इमाम हुसैन से जुड़े हुए हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तस्वीर के प्रति जायरीन कितनी अकीदत दिखाएंगे। केन्द्रीय मंत्री नकवी के लिए भी यह फक्र की बात है कि उन्होंने इस तस्वीर का उद्घाटन किया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि ख्वाजा साहब के 805 वें सालाना उर्स का झंडा गत 24 मार्च को चढ़ चुका है और 6 दिवसीय धार्मिक उर्स की शुरूआत चांद दिखने पर 28 मार्च से होगी।
पीएम मोदी तो संत है : नकवी
दरगाह के समारोह के बाद सर्किट हाऊस मेंं मीडिया से संवाद करते हुए केन्द्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि पीएम मोदी तो संत हैं। उन्होंने संतों के बारे में सिर्फ सुना था, लेकिन उन्हें गर्व है कि अब वह एक संत के साथ ही काम कर रहे हैं। एक संत में सबको साथ लेकर चलने की जो प्रवृत्ति होती है, उसी के तहत मोदी देश को चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब के उर्स में पीएम मोदी की ओर से भी पवित्र मजार पर चादर पेश की जाएगी। मोदी ने अपनी ओर से चादर मुझे सौंप दी है और अब में एक अप्रेल को चादर को सूफी परम्परा के अनुरूप पवित्र मजार पर पेश करूंगा। यह ख्वाजा साहब का ही करम है कि 5 दिन की अवधि में मुझे दो बार दरगाह में जियारत का अवसर मिल रहा है।
प्लान बनाने से काम नहीं चलेगा :
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन चलने वाली दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों से नकवी ने कहा कि अब प्लान बनाने से काम नहीं चलेगा। मोदी जी के राज में काम की क्रियान्विति होनी चाहिए। कांगे्रस के शासन में सिर्फ प्लान बनते थे। नकवी ने यह बात कमेटी के अध्यक्ष शेख अली, सदस्य जावेद पारेख, हाजी खान मोहम्मद, वजाहत चौधरी तथा कमेटी के नाजिम कर्नल मंसूर अली खान से कही। कमेटी के अधिकांश सदस्य गत कांग्रेस शासन में नियुक्त हुए हैं। ऐसे सदस्य को नकवी ने साफ संकेत दे दिए हैं।
खादिम अफसान चिश्ती ने कराई जियारत :
नकवी को खादिम अफसान चिश्ती ने पवित्र मजार पर जियारत करवाई। खादिम ने नकवी के सिर पर पगड़ी बांधी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर नकवी ने देश में अमन-चैन के लिए दुआ की।
एस.पी.मित्तल) (26-03-17)
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