जैनियों के लिए है अपना धार्मिक कानून। 78 वर्षीय पूर्व आईएएस पुखराज सालेचा ने की जैन कानून पर पीएचडी। ————————————-

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राजस्थान के पूर्व आईएएस 78 वर्षीय पुखराज सालेचा ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से जैन कानून विषय पर पीएचडी की है। 78 वर्ष की उम्र में धार्मिक कानून की पढ़ाई कर सालेचा ने यह साबित किया है कि लिखने-पढऩे की कोई उम्र नहीं होती। साथ ही अपने समाज की युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृतिजानकारी देने का भी काम किया है। 739 पृष्ठ के अपने शोध गं्रंथ में सालेचा ने यह साबित किया है कि जैन धर्म में कानून का आरंभ प्रथम तीर्थंकर भगवान रिषभ देव के काल में ही हो गया था। पूर्व में सभी विवाद इसी कानून से निपटाए जाते थे। यह बात अलग है कि वर्तमान समय में जैन धर्म के अनुयायियों पर भी हिन्दू अधिनियम 1956 लागू हो रहा है। सालेचा ने अपने शोध में जैन धर्म के सिद्धांत, नीतियों, विधियों, रीति-रिवाजों, परम्पराओं आदि की तुलना वैदिक सिद्धांत से की है। उनका मानना है कि वैदिक सिद्धांतों के मुकाबले जैन धर्म में अनेक विशेषताएं हैं। जैन धर्म में ईश्वर के अवतार की कोई मान्यता नहीं है। मनुष्य ही अपनी साधना और आचरणों से ईश्वरीय गुणों को प्राप्त कर तीर्थंकर बन सकता है। जैन धर्म में यह भी मान्यता है कि सिद्ध का कोई सृजक नहीं है। यह तो अनादिकाल से अस्तित्व में है। वैदिक विधि में मोक्ष के लिए पुत्र का होना आवश्यक बताया गया है जबकि जैन धर्म में मोक्ष के लिए पुत्र का ही होना आवश्यक नहीं है। जैन कानून में दत्तक पुत्र के बदलचलन, माता-पिता की आज्ञा नहीं मानने, धर्म विमुख होने पर ऐसे दत्तक को अधिकारों से वंचित किया जा सकता है जबकि हिन्दू दत्तक कानून 1956 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
ज्ञान का भंडार :
पूर्व आईएएस सालेचा की उम्र भले ही 78 साल की हो लेकिन आज भी उनमें स्कूल, कॉलेज के छात्र की तरह कुछ नया करने का जज्बा है। यह प्रवृत्ति सालेचा की अभी की नहीं है बल्कि शुरू से ही रही। 1962 में प्रशासनिक सेवा में चयन के बाद एमबीए, पीएचडी,एलएलएम जैसी पढ़ाई की तो आईएएस की सेवानिवृत्ति के बाद लाडनू स्थित जैन विश्वविद्यालय से जैन विद्या एवं तुलनात्मक जैन धर्म दर्शन पर पीएचडी की और अब जैन कानून पर राजस्थान यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। आज कोई भी व्यक्ति पुखराज सालेचा से उनके मोबाइल नम्बर 09314066950 पर आसानी के साथ संपर्क कर सकता है।
मालूम हो कि पुखराज सालेचा के पुत्र नरेश सालेचा वर्तमान में रेलवे बोर्ड में सलाहकार के पद पर नियुक्त हंै। नरेश सालेचा की कार्यकुशलता को देखते हुए ही केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने उन्हें सम्पूर्ण देश में रेल सम्पत्तियों का लेखा-जोखा तैयार करने का विशेष दायित्व सौंपा है। नरेश सालेचा भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं।
(एस.पी. मित्तल) (02-07-2016)
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