निर्वाचन विभाग से अनुमति मिली तो 26 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों को मिल जाएगी नौकरी।
निर्वाचन विभाग से अनुमति मिली तो 26 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों को मिल जाएगी नौकरी। हाईकोर्ट ने रीट परीक्षा परिणाम को अनुमति दी। बोर्ड सचिव मेघना की मेहनत सफल।
8 अक्टूबर को हाई कोर्ट के न्यायाधीश जीएस सिराधना ने राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2017 के प्रथम लेवल के परिणाम को अनुमति दे दी है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम पर लगी रोक को हटा दिया है और संबंधित याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कुछ अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्रों के अंकों और प्रश्न पत्रों को चुनौती दी थी। हालांकि राज्य सरकार ने घोषित परिणाम के आधार पर शिक्षकों का परिणाम भी घोषित कर दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के ताजा आदेश से अब 26 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण अब हाईकोर्ट के फैसले का विधिक अध्ययन करवाया जाएगा, यदि निर्वाचन विभाग से अनुमति मिल गई तो शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने पहले ही सभी तैयारियां कर रखी है। रीट के परिणाम के बाद भर्ती का परिणाम भी जारी किया जा चुका है। अब सिर्फ चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना है। उन्होंने न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि 26 हजार युवाओं को जल्द नौकरी मिल जाएगी। देवनानी ने कहा कि 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के बाद कोई भी सरकारी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रहेगा।
मेघना की मेहनत सफलः
रीट 2017 परीक्षा का आयोजन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा किया गया था। रीट के दोनों लेवलों की परीक्षा को अदालत में चुनौती दी गई। पिछले माह ही द्वितीय लेवल की परीक्षा को भी सही मानते हुए कोर्ट ने याचिकाओं को खादिज कर दिया। 8 अक्टूबर को बोर्ड की प्रथम लेवल परीक्षा को भी हाईकोर्ट ने सही माना। असल में अदालत में मामले जाने के बाद से ही बोर्ड सचिव श्रीमती मेघना च ौधरी ने कड़ी मेहनत की और हाईकोर्ट के वकीलों को वो सब दस्तावेज उपलब्ध करवाए जिससे बोर्ड का पक्ष मजबूत हो सके। लम्बी और लगातार सुनवाई के दौरान मेघना स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित रही। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील भी बुलाए गए। चूंकि सरकार को कोई 60 हजार शिक्षकों की भर्ती करनी थी, इसलिए रीट की परीक्षा बहुत महत्वपूर्ण थी। सरकार शिक्षकों की नियुक्ति को अपनी उपलब्धि के तौर पर गिना रही है। हाईकोर्ट के वकील भी मानते हैं कि इस मुकदमे में सचिव मेघना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।