नवजोत सिंह सिद्धू को पता है कि पाकिस्तान का हमदर्द बन कर भी भारत में नेतागिरी कर सकते हैं। सिद्धू की हरकतें कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी।
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पाकिस्तान में रह कर भारत के समर्थन में बोलकर कोई भी पाकिस्तानी एक मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू जैसे राजनेताओं को पता है कि पाकिस्तान का हमदर्द होने के बाद भी भारत में न केवल नेतागिरी की जा सकती है, बल्कि सत्ता का सुख भी भोगा जा सकता है। इसलिए सिद्धू इन दिनों पाकिस्तान और उसके पीएम इमरान खान के सबसे बड़े प्रशंसक बने हुए हैं। करतारपुर साहिब के कोरिडोर के शिलान्यास मौके पर तो सिद्धू पाकिस्तान के टूल बन कर सामने आए हैं। जो पाकिस्तान कश्मीर में आए दिन हमारे सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचा रहा है, उसकी हिमायत सिद्धू कर रहे हैं। सब जानते हैं कि सिक्ख धर्म की स्थापना ही हिन्दुओं की सुरक्षा करने के लिए हुई थी। मुगल शासकों ने सिक्खों पर ही सबसे ज्यादा अत्याचार किए, लेकिन आज सिद्धू को इस्लामिक देश पाकिस्तान अच्छा लग रहा है। गंभीर बात तो यह है कि सिद्धू पंजाब के जिस मंत्रिमंडल में शामिल हैं उसके मुख्यमंत्री केप्टन अमरेन्द्र सिंह भी सिद्धू की गतिविधियों से खुश नहीं हैं, लेकिन सिद्धू को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन है, इसलिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह भी बेबस बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करने की वजह से सिद्धू भले ही राहुल गांधी को प्रिय लगते हों, लेकिन सिद्धू की हरकतों से कांग्रेस को राजनीतिक खामियाजा उठाना पड़ेगा। नरेन्द्र मोदी की नीतियों में खामियां हो सकती है, लेकिन कोई भी देश भक्त पाकिस्तान की प्रशंसा करने वाले को पसंद नहीं करेगा। अब तो सिद्धू पाकिस्तान में ंजाकर खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला से भी मिल रहे हैं। यह वो ही चावला है जो पंजाब को खालिस्तान बनाना चाहता है। चावला भी कश्मीर के अलगाववादियों की तरह भारत के खिलाफ जहर उगलता है। क्या सिद्धू को भारत के दुश्मन ही अच्छे लगते हैं? एक ओर रणनीति के तहत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करवाया जा रहा है, तो वहीं सिद्धू जैसे कांग्रेस पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस को चाहिए कि सिद्धू की हरकतों पर रोक लगाए नहीं तो राजनीतिक परिणाम के लिए तैयार रहे।