वसुंधरा राजे को चुनौती देने वाले आईपीएस पंकज च ौधरी को गृहमंत्रालय ने सेवामुक्त किया।
कांग्रेस के शासन में भी हैं पीड़ित।
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भाजपा के पिछले शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजनीतिक चुनौती देने वाले राजस्थान के आईपीएस पंकज च ौधरी को अब केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने सेवामुक्त कर दिया है। सेवामुक्ति का आदेश छह मार्च को च ौधरी के जयपुर स्थित आवास पर चस्पा किया गया। च ौधरी ने कहा कि जिस घरेलू विवाद को लेकर आरोप लगाए हैं। उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए फिलहाल वे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। सेवा मुक्ति के आदेश को भी अदालत में चुनौती दी जाएगी। च ौधरी पर आरोप है कि उन्होंने पहली पत्नी से तलाक लिए बगैर दूसरी शादी कर ली। उल्लेखनीय है कि पंकज च ौधरी की पत्नी मुकुल पंकज च ौधरी ने गत विधानसभा चुनाव में झालावाड़ से वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कांग्रेस का टिकिट भी मांगा था। लेकिन ऐनमौके पर कांग्रेस ने भाजपा के बागी विधायक मानवेन्द्र सिंह जसोल को उम्मीदवार घोषित कर दिया। पत्नी की राजनीतिक सक्रियता पर उस समय च ौधरी का कहना रहा कि यह पत्नी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। कई मुद्दों पर आईपीएस च ौधरी ने भाजपा की सरकार से सीधा मुकाबला किया। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। च ौधरी को उम्मीद थी कि कांग्रेस का शासन आने पर उन्हें परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के बाद भी च ौधरी को राहत नहीं मिल पाई है। फील्ड पोस्टिंग देने के बजाए च ौधरी को झालावाड़ स्थित पीटीएस का कमानडेंट नियुक्त किया गया। लेकिन च ौधरी ने अभी तक भी कमानडेंट का पद नहीं संभाला है। च ौधरी ने कहा है कि वे राजीव धासोत के अधीन काम नहीं कर सकते हैं। च ौधरी के प्रार्थना पत्र पर अभी तक कांग्रेस की सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है।