सचिन पायलट ने जमानत दी थी तो फिर जोधपुर से वैभव गहलोत कैसे चुनाव हार गए ? मुख्यमंत्री ने उठाया अहम मुद्दा।
राहुल इस्तीफा क्यों दे:
गहलोत ने सवाल उठाया कि लोकसभा चुनाव की हार के लिए राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्यों दे ? राहुल गांधी तो प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निर्भर रहते हैं जिम्मेदारी तो हम जैसे नेताओं की है। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पूरी मेहनत के साथ कार्य किया। मात्र 44 सांसद होने के बाद भी पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार से मुकाबला किया। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी नेता को पद की लालसा नहीं होनी चाहिए। किस नेता को किस पद पर बैठाया जाए यह काम शीर्ष नेतृत्व का है। यदि आज मुझे अन्य पद की जिम्मेदारी दी जाती है तो मै सहर्ष स्वीकार करूंगा। गहलोत ने याद दिलाया कि मैं तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहा। इसके बाद मुख्यमंत्री बना। मैंने कभी भी किसी पद की लालसा नहीं की। राजस्थान में दो पावर सेन्टर होने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में तो एक भी पावर सेन्टर नहीं होना चाहिए। हमें कांग्रेस की चिन्ता करनी चाहिए। यदि हम अपनी चिन्ता करेंगे तो पार्टी के साथ न्याय नहीं होगा।
चुनाव आयोग को लिखेंगे पत्र:
गहलोत ने कहा कि दिसम्बर 2018 में मेरे नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनते ही जनकल्याण के काम शुरू हो गए थे, लेकिन दो माह बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, इससे सरकार का कामकाज ठप हो गया। आने वाले दिनों में पंचायती राज और स्थानीय निकाय के चुनाव होने है। प्रदेश में एकबार फिर आचार संहिता लग जाएगी। बार-बार आचार संहिता लगने से सरकार का कामकाज प्रभावित होता है। मैं इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग को एक पत्र लिख रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आचार संहिता के दौरान सरकार के सामान्य कामकाज होते रहे। गहलोत ने कहा कि यह मेरे भी समझ में नहीं आ रहा कि राजस्थान में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार कैसे हो गई। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया और सेना की भूमिका का गलत तरीके से प्रचार किया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाषा का ख्याल नहीं रखा।
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