अजमेर की महिला सरपंच को हटाने में जूटी कांग्रेस सरकार।
by
Sp mittal
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June 27, 2019
अजमेर की महिला सरपंच को हटाने में जूटी कांग्रेस सरकार।
प्रभावशाली व्यक्ति का अतिक्रमण हटाने पर दिया है नोटिस।
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27 जून को अजमेर की जिला परिषद के सीईओ गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने पूरे लाव लश्कर के साथ जवाबा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत टॉटगढ़ के कामकाज की जांच की। राठौड़ यह जानना चाहते थे कि सरपंच श्रीमती रेखा कंवर और टॉटगढ़ के ही प्रभावशाली पदमचंद कोठारी के बीच क्या विवाद है? जांच पड़ताल के दौरान ही ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि कोठारी ने गांव के तालाब की पाल पर बंगला बना लिया है। इसी प्रकार कई स्थानों पर कथित तौर पर अतिक्रमण भी कर रखे हैं। कोठारी चाहते हैं कि पाल पर बने बंगले का ग्राम पंचायत पट्टा जारी कर दे। लेकिन सरपंच की यह मजबूरी है कि पाल की जिस भूमि पर बंगला बना है, वह वन विभाग के अधीन आती है। ऐसे में ग्राम पंचायत किसी भी स्तर पर पट्टा जारी नहीं कर सकती है। बंगले को अतिक्रमण मानते हुए ही ग्राम पंचायत ने कोठारी को नोटिस भी जारी किया है। अब यह नोटिस सरपंच रेखा कंवर के लिए मुसीबत बन गया है। ऐसा बहुत कम होता है, जब भीषण गर्मी में जिला परिषद के सीईओ पूरे लाव लश्कर के साथ किसी ग्राम पंचायत की जांच पड़ताल करने पहुंच गए। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि टॉटगढ़ ग्राम पंचायत अजमेर शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। सवाल उठता है कि ऐसी क्या आफत आ गई जिसकी वजह से सीईओ को जिला परिषद का साराकाम काज छोड़कर एक ग्राम पंचायत पर जाना पड़ा? सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री सचिवालय के एक ताकतवर आईएएस ने अजमेर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि रेखा कंवर को सरपंच के पद से किसी भी स्थिति में हटाया जाए। बताया जा रहा है कि कथित अतिक्रमणकारी पदम कोठारी और सीएमओ में तैनात वरिष्ठ आईएएस के पारिवारिक संबंध है। अब यदि अजमेर प्रशासन के अधिकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से नौकरी करनी है तो निर्दोष महिला सरपंच के खिलाफ कार्यवाही करनी ही पड़ेगी। जिला परिषद व जिला प्रशासन किस नजरिए से महिला सरपंच के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है, इसका अंदाजा सरपंच के तीन संतान वाले प्रकरण से लगाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में सरपंच को राहत दे दी है। लेकिन फिर भी जिला प्रशासन इसी प्रकरण की जांच करवा रहा है। इतना ही नहीं अब तो सरपंच के छोटे-छोटे निर्णयों में भी खामियां निकाली जा रही है यानि एक महिला सरपंच को हटाने के लिए पूरी कांग्रेस सरकार लगी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार बार महिलाओं को सम्मान देने की बात करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की नाक के नीचे ही एक महिला सरपंच को हटाने की साजिश की जा रही है। यह तब हो रहा है जब टॉटगढ़ के ग्रामीण अपनी सरपंच के साथ खड़े हैं। अब देखना है कि बोल्ड और ईमानदार माने जाने वाले सीईओ राठौड़ सीएमओ का दबाव कितना बर्दाश्त करते हैं।