अशोक गहलोत फिर पहुंचे दिल्ली।
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Sp mittal
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July 13, 2019
अशोक गहलोत फिर पहुंचे दिल्ली। राहुल गांधी की जगह कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाए, पर रणनीति बनाई। राजस्थान में खुद की कुर्सी तो पक्की।
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत एक फिर 12 जुलाई को दिल्ली पहुंच गए हैं। 13 जुलाई को गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर रणनीति बनाई। गहलोत ने अहमद पटेल जैसे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है। राहुल गांधी पहले ही अध्यक्ष पद छोड़ चुके हैं। गहलोत की अगुवाई में ऐसा अध्यक्ष तलाशा जा रहा है जो गांधी परिवार के निर्देशों के अनुरूप ही कार्य करे। हो सकता है कि गहलोत श्रीमती सोनिया गांधी से भी मिले। लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब से राहुल ने अध्यक्ष पद छोड़ा है तब से देश में कांग्रेस की स्थिति खराब हैं। अशोक गहलोत सरीखे नेता कांग्रेस को संभालने में लगे हुए हैं। जहां तक राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सवाल है तो फेवीकॉल के जोड़ की तरह गहलोत सीएम की कुर्सी पर चिपक गए हैं। सीएम पद के दावेदार माने जा रहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जयपुर और दिल्ली में सक्रियता नजर नहीं आ रही है। गहलोत ने विधानसभा में बजट भी पेश कर दिया है। प्रदेश की राजनीति पर गहलोत का पूरा नियंत्रण है, इसलिए पूरे आत्मविश्वास के साथ दिल्ली में विराजमान हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार गत दिसम्बर में सीएम की कुर्सी संभालने के बाद गहलोत करीब 70 बार दिल्ली दौरे पर रहे हैं। यानि गहलोत का अधिकांश समय दिल्ली में बैठा हैं। लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बाद गहलोत भले ही कुछ घबराए हों, लेकिन अब गहलोत में पूरा आत्मविश्वास है। गहलोत को अब पायलट की गतिविधियों से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि पायलट के समर्थकों ने लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी पूरी तरह गहलोत पर डाल दी थी, लेकिन बड़ी चतुराई से गहलोत बच निकले। अब गहलोत के साथ खड़े रहने में भी पायलट की भलाई नजर आ रही है। गहलोत जहां दिल्ली में राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हैं, वहीं जयपुर में सीएम पद पर कोई खतरा नहीं है। इसे अशोक गहलोत की राजनीति कुशलता ही कहा जाएगा कि बिगड़े हुए हालात नियंत्रित कर लिए हैं। प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां भी शुरू हो गई हैं।