समाज को आज भी प्रेरणा देती है कंजूस बनिए की कहावत।
समाज को आज भी प्रेरणा देती है कंजूस बनिए की कहावत।
पुष्कर में भारत विकास परिषद की शाखा का शपथ ग्रहण समारोह।
अजमेर के डॉक्टर राजेन्द्र गोखरू बने विकास रत्न।
12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर में भारत विकास परिषद की स्थानीय शाखा के पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह मेरे मुख्य आतिथ्य में हुआ। समारोह में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राजस्थान क्षेत्रीय कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़, परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश अजमेरा, महासचिव संदीप बाल्दी, राष्ट्रीय मंत्री मुकन सिंह राठौड़, रीजनल मंत्री पवन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। समारोह में संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह ने भारत विकास परिषद और सेवा कार्यों के महत्व को समझाने के लिए कंजूस बनिए की कहावत को सामने रखा। राठौड़ ने कहा कि हम कई मौकों पर कंजूस बनिए की बात कहते हैं। मैं इसमें कोई बुराई नहीं देखता। असल में बनिया यानि धन अर्जित करने वाला व्यक्ति यदि कंजूस नहीं होता तो हमें धर्मशाला, अस्पताल, स्कूल भवन, प्याऊ आदि धमार्थ सम्पत्तियां देखने को नहीं मिलती। आज समाज में धनवान व्यक्ति का कोई महत्व नहीं है। महत्व उसी धनवान का है जो समाज की सेवा करता है। कुछ लोगों ने क्लब बना रहे हैं, जहां सिर्फ भव्यता का प्रदर्शन होता है। कुछ संस्थाएं धर्म की आड़ में सेवा का दवा करती है। भारतीय संस्कृति में तो सेवा ही धर्म है। हमारे जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने सेवा की ही प्रेरणा दी है। राठौड़ ने कहा कि आज देशभर में भारत विकास परिषद के लाखों कार्यकर्ता सेवा का कार्य कर रहे हैं। समारोह में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा कि परिषद का कार्यकर्ता कार्यक्रम के लिए कोई कार्य नहीं करता। कार्यकर्ता का उद्देश्य समाज की सेवा करना होता है। यही वजह रही कि एक लाख यूनिट के लक्ष्य के मुकाबले में सवा लाख यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। एक गांव एक शाखा का अभियान भी सफल रहा। डेढ़ हजार गांवों की कायापलट हो गई। हम सामाजिक समरसता पर भी जोर देते हैं। परिषद के कार्यकर्ता का प्रयास होता है कि समाज में सद्भावना बनी रहे। कार्यकर्ता सामूहिक संरचना में स्वयं की भूमिका तलाशता है। परिषद का उद्देश्य समाज सभी वर्गों के लोगों को लाभ पहुंचना है। समारोह में ब्लॉगर एसपी मित्तल ने कहा कि अब देश में तेजी से बदलाव हो रहा है। बदलते माहौल में परिषद के कार्यकर्ता को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। जहां तक दान पुष्य का सवाल है तो भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि दाएं हाथ से दिया दान की जानकारी बाएं हाथ को नहीं होनी चाहिए। लेकिन आज तो स्कूल की गरीब बच्ची को ड्रेस भी दी जाती है तो पहले फोटो खींचवाई जाती है, ताकि अखबारों में छप सके। ऐसा करके दानदाता गरीबी का अपमान करते हैं। ऐसे दान का कोई फायदा नहीं। समारोह में पुष्कर शाखा के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, मोहित पाराशर, जितेन्द्र पाराशर, शीतल भट्ट, दिवाकर सरवाडिय़ा आदि ने शपथ ग्रहण की। समारोह का सफल संचालन राकेश भट्ट और विजय कुमार शर्मा ने किया।
डॉ. गोखरू को विकास रत्न:
समारोह में अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष को विकास रत्न से नवाजा गया। यह सम्मान डॉ. गोखरू की पत्नी डॉ. कमला गोखरू ने ग्रहण किया। इसी प्रकार दिलीप कुमार और मुकेश गाबद को विकास मित्र बनाया गया।
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