इतने आतंक के बाद भी पीएम मोदी को कश्मीरियों की चिंता। विपक्ष ने भी दिखाया राष्ट्रहित।

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12 जुलाई को तड़के पीएम नरेन्द्र मोदी अफीकी देशों की यात्रा से लौटे और प्रात: 10 बजे अपने सरकारी आवास पर कश्मीर के ताजा हालातों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की। सब जानते है कि इन दिनों कश्मीर घाटी के हालात बद से बदतर हंै। अलगाववादियों ने जिस प्रकार अमरनाथ यात्रियों के शिविरों में आग लगाई और पुलिस व सेना पर हथगोले फेंके, उससे पूरा देश मोदी से सख्त कार्यवाही की उम्मीद कर रहा था, लेकिन 12 जुलाई को मोदी ने बैठक में एक अलग ही नजरिया प्रस्तुत किया। बैठक के बाद पीएमओ के मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की पीडीपी सरकार से कहा है कि किसी भी निर्दोष कश्मीरी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। यानि जिस कश्मीर घाटी में आग सुलग रही है, उसमें भी पीएम को कश्मीरियों की चिंता है। पीएम ने अपनी चिंता जाहिर कर सुरक्षा बलों को भी यह संकेत दे दिए हैं कि आतंकवादियों से निपटते समय बेकसूर कश्मीरियों का ख्याल रखा जाए। इतना ही नहीं मोदी ने कश्मीर की महबुबा सरकार को भी पूरी मदद करने की बात कही है। मोदी नहीं चाहते है कि केन्द्र सरकार वर्तमान हालात में कश्मीर में कोई दखल दे। वैसे भी कानून व्यवस्था का मुद्दा राज्य सरकार का होता है।
विपक्ष का सहयोग :
एक ओर पीएम मोदी ने कश्मीर के ताजा हालातों पर सकारात्मक पहल की है। वहीं इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी केन्द्र सरकार के रूख का समर्थन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद, कम्युनिस्ट पार्टी के सीता राम येचुरी आदि ने दो टूक शब्दों में कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है। इसमें पाकिस्तान को दखल देने की कोई जरूरत नहीं है। मालूम हो कि हिजबुल मुजाहीद्दीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सुरक्षा बलों की कार्यवाही पर आपत्ति जताई थी।

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(एस.पी. मित्तल) (12-07-2016)
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