मुसलमानों को एक करने के लिए हो रहा है जमियत का अधिवेशन। राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मेहमूद मदनी ने की अजमेर में दरगाह जियारत।

#1934
img_6551
======================
अनेक फिरकों (गुटों) में विभाजित देश के मुसलमानों को एकजुट करने के लिए ही अजमेर में 11, 12 व 13 नवंबर को जमियत उलेमा ए हिन्द का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। सात नवंबर को जमियत के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद मौलाना मेहमूद मदनी ने अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत की। इस अवसर पर मौलाना मदनी ने ख्वाजा साहब की मजार पर अकीदत के फूल और चादर पेश किए। खादिमों की ओर से मौलाना मदनी की दस्तारबंदी की। जियारत के बाद मदनी ने कहा कि देश के वर्तमान हालातों में खासकर मुस्लिम समुदाय की परिस्थितियों के मद्देनजर जमियत का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन खास महत्व रखता है। आज विभिन्न कारणों और विचारधाराओं की वजह से भारत का मुसलमान फिरकों में विभाजित है। इससे मुसलमानों को नुकसान भी हो रहा है। देश भर के मुसलमानों को एकजुट करने के लिए ही जमियत के अधिवेशन में भारत के प्रमुख दरगाह खानकाहों, मस्जिदों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ धर्मगुरुओं को भी बुलाया गया है। मौलाना मदनी ने कहा कि देश का आम मुसलमान देशभक्त है, लेकिन आतंकवाद की घटनाओं की वजह से मुसलमानों को कई मौके पर विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। अधिवेशन में आतंकवाद के मुद्दे को भी रखा जाएगा। इसके साथ ही सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के निर्णय भी अधिवेशन में लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को जमियत के प्रतिनिधियों की बैठक होगी तथा 12 नवंबर को जमियत के देशभर के सक्रिय कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श होगा। 13 नवंबर को अंतिम दिन आम जलसा होगा, जिसमें देश भर के मुसलमानों और उनके प्रतिनिधि बड़ी संख्या में भाग लेंगे। यह अधिवेशन दरगाह कमेटी की कायड़ विश्राम स्थली पर ही होगा। उन्होंने माना कि अजमेर प्रशासन ने अभी तक भी अधिवेशन की अनुमति नहीं दी है, लेकिन यह कोई बड़ा मुददा नहीं है। प्रशासन जब संतुष्ट होगा तब अनुमति दे देगा। चूंकि हमें निर्धारित तिथि पर अधिवेशन करना है। इसलिए तैयारियां की जा रही है। उन्होंने आज कायड़ विश्राम स्थली पर जाकर तैयारियों का जायजा भी लिया।
अंजुमन और दीवान से भी मुलाकात
मौलाना मदनी ने 7 नवंबर को अजमेर प्रवास के दौरान ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिमों की दोनों अंजुमनों के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। अंजुमन सैयद जादगान के सदर मोईन सरकार और शेखजादगान ने सदर आरिफ चिश्ती से मदनी ने अधिवेशन में सहयोग करने की अपील की। मदनी ने दोनों अंजुमनों के प्रतिनिधियों को अधिवेशन में आमंत्रित भी किया। इसी प्रकार मदनी ने दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती से भी मुलाकात की।
दरगाह जियारत
जमीयत प्रमुख मौलाना मदनी ने सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह में सूफी परंपरा के अनुसार जियारत की और ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर मखमली व फूलों की चादर पेश की। मदनी को दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के उपाध्यक्ष सैयद हिसामुद्दीन नियाजी सहित अन्य पदाधिकारियों ने जियारत कराई। अंजुमन के सदस्य आले बदर चिश्ती ने दस्तारबंदी की।
(एस.पी.मित्तल) (07-11-16)
नोट: फोटोज यहां देखें। वेबसाइट www.spmittal.in

https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...