कार्यवाही तो भीलवाड़ा के कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा के खिलाफ होनी चाहिए। आखिर कलेक्टर ने सरकारी समारोह का अपमान किया है। प्रभारी मंत्री भदेल ने भी दिखाई गंभीरता।

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2 फरवरी को भास्कर, पत्रिका आदि दैनिक पत्रों में राजस्थान के भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा के रवैए को लेकर एक खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई है। इस खबर में बताया गया कि भीलवाड़ा के लेबर कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप जिला स्तरीय गार्गी पुरस्कार हो रहा था। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कलेक्टर को ही होनहार विद्यार्थियों को पुरस्कार देने थे, लेकिन कलेक्टर जब समारोह में पहुंचे तो देशभक्ति के गाने बज रहे थे, कलेक्टर ने नाराजगी जताई तो स्कूल के प्रिंसिपल रमेश अगनानी ने गाने बंद करवा दिए। लेकिन जब समारोह शुरू हुआ तो कलेक्टर के सम्मान में ही सम्मान गीत बजाया गया। इस पर कलेक्टर इतने नाराज हुए कि समारोह को ही छोड़ कर चले गए। इतना ही नहीं कलेक्टर के आदेश पर पुलिस ने प्रिंसिपल अगनानी, स्टेज संचालक राजेन्द्र और माइक का संचालन करने वाले शाकिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया जो कलेक्टर को सरकारी समारोह का बहिष्कार करना पड़ा। कलेक्टर का कहना है कि स्कूल में डीजे बिना अनुमति के बजाया जा रहा था। कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा की अक्ल और समझ पर तरस आता है। यदि सरकारी स्कूलों में सरकारी समारोह में काम आने वाले माइक के लिए भी अनुमति लेनी पड़ेगी, तो फिर कोई समारोह हो ही नहीं पाएगा। यदि कलेक्टर शर्मा कानून के इतने ही रखवाले हैं तो उन्हें भी समारोह में जाने से पहले यह जांच कर लेनी चाहिए थी कि स्कूल प्रबंधन ने डीजे अथवा माइक की अनुमति ली या नहीं।
जब स्कूल प्रबंधन के पास माइक की अनुमति नहीं थी तो फिर कलेक्टर उस समारोह में क्यों गए? यदि बिना अनुमति के माइक बजाने के लिए प्रिंसिपल आदि दोषी हैं तो ऐसे समारोह का मुख्य अतिथि होने के नाते कलेक्टर भी जांच के दायरे में आते हैं। कलेक्टर को उन विद्यार्थियों को खासकर संवदेशील छात्राओं की भावनाओं का ख्याल करना चाहिए जो कलेक्टर के हाथों सम्मानित होने आई थीं। कलेक्टर ने अपने गैर जिम्मेदाराना रवैए से विद्यार्थियों की भावनाओं पर तो कुठाराघात किया है साथ ही समारोह का बहिष्कार कर सरकार का भी अपमान किया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्य सचिव ओ.पी.मीणा को चाहिए कि इस पूरे मामले की जांच करवाकर कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही करें।
प्रभारी मंत्री ने भी दिखाई गंभीरता:
भीलवाड़ा की प्रभारी मंत्री और प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने भी इस पूरे घटना क्रम पर गंभीरता दिखाई है। दो फरवरी को प्रभारी मंत्री ने मुझे बताया कि इस मुद्दे पर कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा से उनकी बात हुई है। कलेक्टर का कहना था कि भीलवाड़ा की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए डीजे अथवा माइक बजाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। यह प्रतिबंध सरकारी समारोहों पर भी लागू होता है। ऐसे में स्कूल के प्रिंसिपल को प्रशासन से अनुमति लेकर ही माइक का उपयोग करना चाहिए था। श्रीमती भदेल का कहना था कि सरकारी नियमों की तो पालना होनी ही चाहिए लेकिन इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जो सख्त रवैया अपनाया उसे टाला जा सकता था। आखिर कलेक्टर भी तो सरकार के ही अंग हैं। सरकारी समारोह में भविष्य में ऐसी पुर्नवर्ती न हो इसके ठोस उपाय किए जाएंगे।
एस.पी.मित्तल) (02-02-17)
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