केरल में हिंसा नहीं रूकी तो राष्ट्रवादी सीधा जवाब देंगे अजमेर में हुई विशाल सभा और जनाक्रोश रैली

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केरल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और राष्ट्रवादी विचारधारा के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध हिंसा को नहीं रोका गया तो राष्ट्रवादी कार्यकर्ता केरल सरकार को सीधा जवाब देंगे। केरल में हिंसा के खिलाफ अब पूरा देश जाग उठा है। 3 मार्च को नया बाजार चौपड़ पर जनाधिकार बचाओं मंच की ओर से एक विशाल सभा हुई। इस सभा में वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि केरल की वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने हिंसा को नहीं रोका तो राष्ट्रवादी सीधा जवाब देंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अजमेर महानगर के संघ चालक सुनील दत्त जैन ने कहा कि केरल के राष्ट्रवादी कार्यकर्ता हिंसा का जवाब देने के लिए सक्षम है। देश भर के राष्ट्रवादी, केरल के राष्ट्रवादियों का लगातार मनोबल बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केरल में देश को तोडऩे वाली विचारधारा को बल मिल रहा है इसलिए राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों की लगातार हत्याएं की जा रही है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी अमरनाथ की यात्रा को रोकने और रामसेतु को तोडऩे की घोषणा की गई, लेकिन हिन्दू समुदाय के विरोध के बाद घोषणाओं को वापस लेना पड़ा। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि एक ओर दिल्ली में कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगते हैं तो दूसरी ओर केरल में राष्ट्रवादी विचारधारा के कार्यकर्ताओं की हत्या होती है। जो लोग भारत माता का बुरा सोचते हैं, उन्हें अब सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि हिन्दू समुदाय जाग चुका है। जैन ने कहा एक ओर भगवान राम थे, जो अपने पिता के वचन के खातिर वनवास चले गए तो दूसरी ओर अखिलेश यादव जिन्होंने राजगद्दी के लिए अपने पिता को ही वनवास दे दिया। सभा में स्वामी अनादि सरस्वती ने कहा कि केरल में हिन्दुओं का मनोबल तोडऩे के लिए राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। स्वामी अनादि ने जल हाथ में लेकर उपस्थित लोगों को धर्म की रक्षा करने का संकल्प करवाया।
तेजतर्रार युवा वक्ता राजेश गुर्जर ने देश और दुनिया के वामपंथी का इतिहास बताते हुए कहा कि वामपंथी विचारधारा कभी भी देशभक्त नहीं रही। इसी विचारधारा ने रूस के टुकड़े-टुकड़े करवा दिए और अब इसी विचारधारा के लोग दिल्ली में शिक्षा के मंदिरों में कश्मीर और बस्तर की आजादी के नारे लगा रहे हैं। एक वर्ष पहले तक केरल की आजादी के भी नारे लगाते थे, लेकिन अब केरल में माकपा की सरकार है, इसलिए फिलहाल केरल के नारे लगाने बंद कर दिए हैं। गुर्जर ने कहा कि वामपंथी यह पचा नहीं पा रहे कि भारत में सभी धर्मों के लोग एकसाथ कैसे रह रहे हैं? उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि 1962 में जब हम चीन से युद्ध कर रहे थे तब कम्यूनिस्टों ने हमारे देश के उद्योगों में हड़ताल करवा दी, ताकि हमारे जवानों को रसद और आवश्यक सामग्री नहीं मिल सके। कम्यूनिस्टों ने हमेशा नक्सलवाद को बढ़ावा दिया
सभा में शिक्षाविद् डॉ. अनूप आत्रेय ने कहा कि वामपंथ का खूनी इतिहास रहा है। उन्होंने वामपंथ की तुलना तालिबान से करते हुए कहा कि पूर्व में असहिष्णुता को लेकर जो लोग पुरस्कार लौटा रहे थे, वे अब केरल की हिंसा पर चुप क्यों है? डॉ.आत्रेय ने कहा कि केरल में सरकारी संरक्षण में राष्ट्रवादी विचारधारा के कार्यकर्ताओं की न केवल हत्याएं हो रही है बल्कि उनके परिजनों के विरूद्व भी झूठे मुकदमें दर्ज हो रहे हैं। केरल में वामपंथी सरकार राक्षसों जैसा व्यवहार कर रही है। सभा में मंच के सह-संयोजक एडवोकेट जगदीश राणा ने राष्ट्रपति के नाम भेजे गए ज्ञापन को पढ़ा। सभा का संचालन शिक्षाविद् सुशील बिस्सू ने किया।
मंत्री और नेता भी उपस्थित रहे
सभा में सभा में शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेश रावत, जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत, शहर जिलाध्यक्ष अरविंद यादव आदि भी उपस्थित रहे।
(एस.पी.मित्तल) (03-03-17)
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