तो किसान आंदोलन से कैसे मुकाबला करेगी जयपुर की पुलिस? 7 माह की गर्भवती पूनम छाबड़ा को धरना भी नहीं देने दिया।
#2669
तो किसान आंदोलन से कैसे मुकाबला करेगी जयपुर की पुलिस? 7 माह की गर्भवती पूनम छाबड़ा को धरना भी नहीं देने दिया।
====================
राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर 9 जून को जयपुर में जब श्रीमती पूनम छाबड़ा अपने कुछ समर्थकों के साथ पांच बत्ती से शहीद स्मारक की ओर जा रही थी तभी पुलिस ने पूनम और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। जयपुर पुलिस नहीं चाहती थी कि पूनम और उनके समर्थक शराबबंदी को लेकर शहीद स्मारक पर धरना दें। पुलिस का तर्क था कि धरने की अनुमति नहीं ली गई है। सब जानते है कि पुलिस कभी भी धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं देती है। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन तो जनता का मौलिक अधिकार है और फिर पूनम छाबड़ा तो एक सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए धरना देने जा रही थी। जयपुर पुलिस के लिए यह भी शर्मनाक बात है कि धरना तब नहीं देने दिया गया जब पूनम 7 माह की गर्भवती महिला है। यानि पुलिस ऐसी परिस्थितियों में भी पूनम के अनशन से डर गई। पूनम तो निहत्थी और 7 माह की गर्भवती थी तब पुलिस में इतना डर था और यदि जयपुर पुलिस को किसान आंदोलन का सामना करना पड़ा तो हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
छाबड़ा की जयंती पर था धरना :
पूनम छाबड़ा का कहना है कि 9 जून को धरना इसलिए दिया जा रहा था कि उनके ससुर गुरुशरण सिंह छाबड़ा की जयंती थी। 2 वर्ष पहले आज ही के दिन छाबड़ा का उस समय निधन हो गया जब वे पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए थे। चंूकि उनके ससुर ने शराबबंदी की मांग को लेकर अपनी जान दे दी इसलिए वे आंदोलन को जारी रखे हुए हैं। जस्टिस फॉर छाबड़ा मंच का गठन कर प्रदेश भर में शराबबंदी पर माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं हो जाती है।
एस.पी.मित्तल) (10-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)