ठाठ की वजह से हर नेता बनना चाहता है विधायक। भाजपा और कांग्रेस में एक समान हालात। अशोक गहलोत ने तो 75 लाख रुपए वाला फ्लैट मात्र 30 लाख में दिया और मकान किराया भी। जसवंत दारा का सटीक कार्टून।

एक बार विधायक बनने के बाद जो ठाट बाट और ऐशो आराम की जिंदगी होती है उसे देखते हुए ही हर दल का नेता विधायक बनना चाहता है। जो नेता एक बार विधायक बन गया ह इस पद को छोड़ना नहीं चाहता। भाजपा को अनुशासित पार्टी माना जाता है, लेकिन राजस्थान में जो 41 उम्मीदवार घोषित हुए है उसमें नेताओं का असंतोष सड़कों पर है। अजमेर में तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने ही मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी और टिकट की मांग कर रहे सुभाष काबरा के समर्थकों में धक्का मुक्की  और गाली गलौज तक हो गई। ऐसी स्थिति में सभी जगह बताई जा रही है। हालांकि अभी कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जब घोषणा होगी तो भाजपा जैसा विवाद ही देखने को मिलेगा। एक समय था, जब पार्षद, सरपंच, विधायक, प्रधान और सांसद के पद सेवा के तौर पर देखे जाते थे, लेकिन अब ऐसे जनप्रतिनिधि महंगी कारों और हवाई जहाज में घूम रहे हैं तो इन पदों के प्रति आकर्षण भी बढ़ गया है। सांसद और विधायक बनने के बाद सरकार की ओर से जो सुविधाएं मिलती है, उनकी वजह से भी हर नेता सांसद, विधायक बनना चाहता है। राजस्थान में जिस तरह से गहलोत ने अपनी सरकार चलाई उससे भाजपा के विधायक भी मालामाल हो गए। गहलोत ने कांग्रेस विधायकों को तो ब्याज सहित भुगतान किया ही , लेकिन भाजपा विधायकों को भी मालामाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विधानसभा के सामने विधायकों से आवास खाली करवाने के लिए गहलोत ने 180 विधायकों को जयपुर में मालवीय नगर में 75 लाख रुपए की कीमत वाला फ्लैट मात्र 30 लाख रुपए में दे दिया। यह फ्लैट हाउसिंग बोर्ड के हैं। एक तरफ इतना सस्ता फ्लैट दिया तो दूसरी तरफ विधायकों को हजारों रुपए मकान किराया भी दे दिया। इसके अलावा भी गहलोत ने विधायकों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी मुफ्त में दिए। वेतन और भत्ते का हिसाब लगाया जाए तो विधायकों को औसतन दो लाख रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। बस से लेकर हवाई जहाज तक में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा भी है। जब सरकार की ओर से ही इतनी सुविधाएं मिलती है तो फिर नेता विधायक बनना चाहेगा। इसके अलावा विधायकों पर जो आरोप लगते हैं उनसे होने वाली कमाई अलग है। यदि कोई नेता एक बार विधायक बन जाता है तो वह चार पांच पीढिय़ों के जीवन यापन का जुगाड़ कर लेता है। इस बार राजस्थान में निर्दलीय विधायकों की पांच अंगुलियां घी में रही। क्योंकि इन 13 निर्दलीय विधायकों की वजह से ही अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहे। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं को लगता है कि निर्दलीय उम्मीदवार बनकर भाग्य को चमकाया जा सकता है। भाजपा ने जो 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की है उस में 9 ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने पिछला चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और 20 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए। जब भाजपा जैसी पार्टी में बगावत करने वालों को अधिकृत उम्मीदवार बनाया जा सकता है तो फिर कांग्रेस के नेता पीछे क्यों रहेंगे। जिन 41 क्षेत्रों में भाजपा नेताओं  को टिकट नहीं मिला है, उनमें से अधिकांश क्षेत्रों में नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। नेता इसलिए भी विधायक बनना चाहते हैं ताकि जीवन भर पेंशन मिलती रहे। एक बार विधायक बनने पर कार्यकाल पूरा होने के बाद 35 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। जो नेता दूसरी बार विधायक बन जाता है, उसकी पेंशन में 10 हजार रुपए की वृद्धि हो जाती है। सरकार में पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ती रहती है। राजस्थान में ऐसे कई नेता हैं जो पांच वर्ष के लिए विधायक बने, लेकिन पिछले चालीस वर्षों से पेंशन ले रहे हैं। इस बार विधायक बनने का आर्षिण जयपुर में आलीशान फ्लैट का आवंटन भी है। सरकार ने विधानसभा के सामने विधायकों के लिए पांच कमरे वाला आलीशान फ्लैट तैयार करवाया है7 इस चुनाव में जो नेता विधायक बनेंगे उन्हें नए फ्लैट आवंटित होंगे। इन फ्लैटों में मंत्रियों के बंगलों से भी ज्यादा सुविधा उपलब्ध है। मौजूदा विधायक भी चाहते हैं कि दोबारा से चुनाव जीत कर आलीशान फ्लैटों में रहे। यहां यह भी खासतौर से उल्लेखनीय है कि एक बार विधायक बनने पर जयपुर या प्रदेश के किसी भी शहर में रियायती दर पर तीन सौ वर्ग गज का भूखंड लिया जा सकता है। अब तो विधायकों को सुरक्षा गार्ड भी मिलने लगा है। जब सुरक्षा गार्ड साथ होता है तो विधायक की चाल ही निराली होती है। जो जनता नेता को विधायक बनाती है वह अपने नेता की चाल देखती रह जाती है। कई विधायकों से मिलने के लिए तो क्षेत्र के लोगों को घंटों दरवाजे के बाहर खड़ा रहना पड़ता है। 
दारा का कार्टून:
विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं पर जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेजwww.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (13-10-2023)

Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...