अजमेर को शर्मसार कर रही है आनासागर की जलकुंभी। सीवरेज का गंदा पानी अभी भी आना सागर में समा रहा है। जलकुंभी के चिकनाई वाले पानी से दुर्घटनाए।

जगत पिता ब्रह्मा के पुष्कर और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले अजमेर को आना सागर झील की जलकुंभी शर्मसार कर रही है। आना सागर शहर के बीचो-बीच बना हुआ है इसलिए यह अजमेर के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगता है। लेकिन जलकुंभी के कारण शहर के सौंदर्य को ग्रहण लग गया है। पिछले दो माह से जलकुंभी निकालने का काम हो रहा है । डीविन्डिंग मशीन से लेकर जेसीबी तक से जलकुंभी निकाली जा रही है। लेकिन अभी तक नगर निगम और जिला प्रशासन के प्रयास सफल नहीं हुए हैं। कहा जा सकता है कि सरकार के इंजीनियरों और अधिकारियों के यह समझ ही नहीं आ रहा है कि आनासागर को जलकुंभी मुक्त कैसे किया जाए। जितनी जलकुंभी निकाली जाती है उससे ज्यादा 1 दिन में ही पनप जाती है। जलकुंभी निकलने पर करोड़ों रुपया खर्च किया जा चुका है लेकिन जलकुंभी को जड़ से हटाने का काम नहीं किया जा रहा है। निगम और प्रशासन के अधिकारी चाहे कितने भी दावे करें लेकिन सीवरेज का गंदा पानी आज भी आना सागर में समा रहा है। सीवरेज की गंदगी आना सागर की जमीन में चली गई है इस गंदगी में ही जलकुंभी के बीज है जब तक जमीन की गंदगी साफ नहीं होगी तब तक आना सागर को जलकुंभी मुक्त नहीं किया जा सकता। स्मार्ट सिटी योजना में आनासागर में ही ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया लेकिन सीवरेज के पानी को शुद्ध करने में यह प्लांट भी सफल नहीं रहा है। जिन अधिकारियों के पास अजमेर  संभल की जिम्मेदारी है वह माने या नहीं लेकिन आनासागर की जलकुंभी से अजमेर को शर्मसार होना पड़ रहा है। केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी योजना में 2000 करोड रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन फिर भी आना सागर में जलकुंभी है। इसके लिए वह इंजीनियर और अधिकारी दोषी है जिन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्य करवाए।
पानी से दुर्घटनाए
रोजाना आना सागर से निकलने वाली जलकुंभी के ट्रैक्टर और डंपरों में भरकर इधर-उधर डाला जा रहा है ट्रैक्टर और डंपर शहर से होकर ही गुजरते हैं। जलकुंभी ने जो चिकनाई युक्त पानी सड़कों पर गिरता है उसे दोपहिया वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाग्रस्त हो रही है। जिस स्थान पर जलकुंभी डाली जा रही है वहां भी बदबू की वजह से लोगों का जीना दूभर  हो रहा है। इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी आवासीय कॉलोनी की रिक्त पड़ी भूमि और सड़क के किनारे जलकुंभी का ढेर लगा रहे हैं। इसे जलकुंभी का चिकनाई युक्त पानी सड़कों पर वह रहा है।

S.P.MITTAL BLOGGER (04-05-2024)
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