तो क्या अजमेर के भाजपा नेताओं को नजर लग गई है? अब केकड़ी के पूर्व विधायक और राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष शंभुदयाल बडग़ुर्जर का निधन।
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पूर्व केन्द्रीय, राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष और अजमेर के भाजपा सांसद सांवर लाल जाट के निधन के बाद अभी 12वें की रस्म भी नहीं हुई कि अजमेर से जुड़े एक ओर बड़े भाजपा नेता शम्भुदयाल बडग़ुर्जर का 19 अगस्त को जयपुर में निधन हो गया। बडग़ुर्जर अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार भाजपा के विधायक रह चुके हैं। स्वर्गीय बडग़ुर्जर का अंतिम संस्कार 19 अगस्त को ही जयपुर में लाल कोठी स्थित श्मशान स्थल पर कर दिया गया। सीएम वसुंधरा राजे ने स्वर्गीय बडग़ुर्जर के निवास स्थान पर जाकर श्रद्धांजलि दी। चूंकि बडग़ुर्जर भाजपा के दिग्गज नेता होने के साथ-साथ वर्तमान में भी राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष थे, इसलिए श्मशान स्थल पर अनेक मंत्री और भाजपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सांवरलाल जाट के निधन से भाजपा को अजमेर में जो क्षति हुई, वह अभी भरी भी नहीं थी कि भाजपा को अपने एक ओर प्रभावशाली नेता को खोना पड़ा है। बडग़ुर्जर का अजमेर की राजनीति में कितना असर रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बडग़र्जुर केकड़ी से वर्ष 1990 और 1993 में लगातार दो बार विधायक चुने गए। बडग़र्जुर ने पहला चुनाव जनता दल उम्मीदवार के तौर पर जीता और फिर भैरों सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए जनतादल को तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इसलिए 1993 में बडग़र्जुर ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता। केकड़ी में आजादी के बाद से 14 बार विधानसभा के चुनाव हुए। हरिभाऊ उपाध्याय के बाद बडग़र्जुर दूसरे ऐसे नेता रहे जो दो बार केकड़ी के विधायक चुने गए। अधिकांशत: केकड़ी का विधायक दूसरी बार चुनाव नहीं जीता सका है। गत बार 2013 में कांग्रेस के उम्मीदवार रघु शर्मा का दावा था कि वे दूसरी बार भी चुनाव जीतेंगे। लेकिन उन्हें भाजपा के शत्रुघ्न गौतम से 8 हजार 867 मतों से हार का सामना करना पड़ा। बडग़र्जुर के निधन से केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में भी शोक का माहौल रहा। भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत ने बडग़र्जुर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए माना कि इससे पार्टी को नुकसान हुआ है।
पहाडिय़ा पछाड़:
केकड़ी में स्वर्गीय बडग़ुर्जर की पहचान पहाडिय़ा पछाड़ से हो गई थी। 1993 में बडग़र्जुर के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगन्नाथ पहाडिय़ा उम्मीदवार थे। तब कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि पहाडिय़ा जैसे दिग्गज नेता चुनाव हार जाएगा। लेकिन बडग़ुर्जर ने 3 हजार 617 मतों से पहाडिय़ा को मात दे दी। पहाडिय़ा जैसे बड़े नेता को हरा देने पर ही बडग़र्जुर को पहाडिय़ा पछाड़ कहा जाने लगा।
स्वर्गीय जाट के 12वें की रस्म 20 अगस्त को:
भाजपा के सांसद सांवरलाल जाट के 12वें की रस्म 20 अगस्त को अजमेर जिले के गोपालपुरा गांव में सम्पन्न होगी। प्रात: 10 बजे होने वाली पगड़ी की रस्म में कई केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के बड़े नेता उपस्थित रहेंगे।
एस.पी.मित्तल) (19-08-17)
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