जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की एम्बुलैंस का अजमेर में हो रहा है दुरुपयोग। =======

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29 अगस्त को जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की एम्बुलैंस का अजमेर में खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। चूंकि एम्बुलैंस मरीजों के काम आती है, इसलिए सरकार ने एम्बुलैंस वाहन को अनेक रियायतें दे रखी हैं। यहां तक कि किसी टोल नाके पर टैक्स भी नहीं देना पड़ता है। इसलिए एम्बुलैंस का उपयोग व्यवसायिक कार्य के लिए नहीं हो सकता। लेकिन 29 अगस्त को जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की एम्बुलैंस को एक शिविर के बैनर लगाते हुए देखा गया। जिस एम्बुलैंस में चिकित्सा उपकरण होने चाहिए उस एम्बुलैंस में बैनर व पोस्टर आदि भरे हुए थे। असल में इस अस्पताल के द्वारा अजमेर में तीन सितबर को एक सुपर स्पेशियलिटी परामर्श शिविर का आयोजन रेडक्राॅस भवन में किया जा रहा है। सब जानते हैं कि ऐसे शिविर कई प्राइवेट अस्पताल अपने मकसद से लगाते हैं। कहने को यह शिविर निःशुल्क होते हैं। लेकिन शिविर का उद्देश्य मरीजों को अपने अस्पताल में बुलाना होता है। जब महात्मा गांधी अस्पताल एम्बुलैंस तक का दुरुपयोग कर रहा है तो इस शिविर के मकसद का अंदाजा लगा लेना चाहिए। चूंकि ऐसे अस्पतालों के मालिकों की परिवहन और पुलिस विभाग से मिली भगत होती है, इसलिए एम्बुलैंस के दुरुपयोग पर कोई कार्यवाही नहीं होती। 29 अगस्त को अजमेर के आनासागर बाइपास के कोने पर अजमेर विकास प्राधिकरण के होर्डिंग्स पर महात्मा अस्पताल की एम्बुलैंस संख्या आरजे14-पीबी-2127 को शिविर का बैनर लगाते हुए देखा गया। इस एम्बुलैंस में जो कर्मचारी मौजूद थे उनका साफ कहना था कि यह वाहन तो ऐसे ही कार्यों में लगा रहता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल के शिविर में अजमेर के भाजयूमो के कार्यकर्ताओं की भी सक्रिय भूमिका है। बैनर पर मोर्चें के शहर जिला अध्यक्ष विनित कृष्ण पारीक का नाम भी अंकित है। गंभीर बात ये है कि यह एम्बुलैंस भी महात्मा गांधी अस्पताल को स्वाति जैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा भेंट की गई है।
एस.पी.मित्तल) (29-08-17)
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