अजमेर के लोकसभा उपचुनाव में सीवरेज सरचार्ज बढ़ाएगा भाजपा के प्रति नाराजगी। क्यों खामोश हैं भाजपा के दोनों विधायक।

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अजमेर शहर में अभी न तो सीवरेज का ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हुआ है और न ही सीवरेज लाइन। यहां तक की अधिकांश शहरवासियों ने सीवरेज कनेक्शन भी नहीं लिए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा के कब्जे वाले नगर निगम ने सितम्बर माह से सीवरेज सरचार्ज वसूलने की ठान ली है। इसके लिए निगम ने 50 हजार से भी ज्यादा उपभोक्ताओं के नाम जलदाय विभाग को सौंप दिए हैं। अब जलदाय विभाग सितम्बर माह का जो पानी का बिल भेजेगा उसमें 33 प्रतिशत की राशि सीवरेज सरचार्ज की होगी। फिलहाल उपभोक्ताओं को दो सौ रुपए का बिल दिया जा रहा है। लेकिन अब इस बिल में 33 प्रतिशत सीवरेज सरचार्ज जोड़ा जाएगा। सवाल उठता है कि जब सीवरेज चालू ही नहीं हुई है तो फिर सरचार्ज क्यों वसूला जा रहा है? नगर निगम की जबरन वसूली का फैसला अजमेर के लोकसभा के उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ नाराजगी को बढ़ाएगा। भाजपा सांसद सांवरलाल जाट के निधन के बाद अजमेर में उपचुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि यह उपचुनाव नवम्बर या दिसम्बर में होंगे।
दोनों विधायक खामोशः
नगर निगम की जबरन वसूली पर अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल खामोश हैं। इन दोनों विधायकों को भी पता है कि सीवरेज लाइन अभी चालू नहीं हुई है। ऐसे में उपभोक्ताओं से सरचार्ज वसूलना पूरी तरह अनैतिक है। कायदे से इन दोनों विधायकों को आवाज उठानी चाहिए। यदि सीवरेज सरचार्ज की वसूली को नहीं रोका गया तो इन दोनों विधायकों को उपचुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ेगा।
उपभोक्ताओं को ठेकेदारों के भरोसे छोड़ाः
नगर निगम ने सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए शहर भर के उपभोक्ताओं को ठेकेदारों के भरोसे छोड़ दिया है। कायदे से नगर निगम को अपने इंजीनियरों की देख-रेख में कनेक्शन कराने चाहिए थे, लेकिन निगम ने निर्माण ठेकेदारों को ही सीवरेज कनेक्शन के लिए अधिकृत कर दिया है। गंभीर बात यह है कि ऐसे ठेकेदारों को सीवरेज लाइन की तकनीकी जानकारी नहीं है। निगम स्वयं तो 600 रुपए की वसूली बेवजह कर रहा है और 2600 रुपए ठेकेदार के निर्धारित कर दिए हैं। इससे कनेक्शन के काम आने वाली सामग्री का खर्च शामिल नहीं है। ठेकेदार मनमाना रवैया अपनाते हुए एक उपभोक्ता से दस हजार रुपए तक की राशि वसूल रहा है। यानि निगम ने ठेकेदारों को लूटने का लाइसेंस दे दिया है। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि ठेकेदार ने सीवरेज कनेक्शन सही किया या नहीं। सीवरेज कनेक्शन नहीं लेने वाले उपभोक्ताओं पर नगर निगम पांच हजार रुपए का जुर्माना भी करेगा। ऐसे में उपभोक्ता दबाव में आकर कनेक्शन ले रहे हैं।
सीवरेज लाइन में सिर्फ पानी आएगाः
ठेकेदार जो सीवरेज कनेक्शन कर रहा है उसमें घरों में बने सेफ्टी टेंक का ओवर फ्लो पानी ही आएगा। यानि मैला तो घर के टैंक में ही जमा होता रहेगा। निगम ने ऐसी कोई तकनीक विकसित नहीं की जिससे टैंक का मैला भी सीवरेज लाइन में आए। सवाल उठता है कि जब पानी के साथ मैला नहीं आएगा तो फिर ट्रीटमेंट प्लांट क्या काम आएगा?
एस.पी.मित्तल) (01-09-17)
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