13 वर्षीय बेटे को गंवाने वाले माता-पिता अब चलाएँगे सड़क दुर्घटना को लेकर जागरुकता अभियान। 18 वर्ष की उम्र से पहले बच्चों को न दें मोटरव्हीकल। मोटरसाइकिल देना तो सबसे खतरनाक है।

अजमेर के पंचशील निवासी विनोद शेखावत और उनकी पत्नी आरती शेखावत 20 अप्रैल, 2017 के उस दिन को अपने जीवन का सबसे लापरवाह दिन मानते हैं, जब उन्होंने अपने 13 वर्षीय बेटे निशांत को हाईपावर वाली केटीएम मोटरबाइक चलाने के लिए दी। निशांत बाइक को घर से ले तो गया, लेकिन फिर वापस नहीं लौटा। निशांत की तेज रफ्तार वाली बाइक ग्लोबल कॉलेज के मार्ग पर ऐसी स्लिप होने से निशांत की दर्दनाक मौत हो गई। निशांत की मौत का जिम्मेदार विनोद और आरती स्वयं को मानते हैं। शेखावत दम्पत्ति का कहना है कि यदि लाड़ प्यार में वे अपने बेटे को मोटरबाइक नहीं देते तो आज निशांत 16 वर्ष का होता। शेखावत दम्पत्ति को इस बात का भी अफसोस है कि 20 अप्रैल, 2017 को दुर्घटना के समय अनेक लोग जख्मी निशांत का वीडियो बनाते रहे, लेकिन अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की। निशांत ने सड़क पर दम तोड़ दिया। यदि निशांत को अस्पताल ले जाया जाता तो वह बच सकता था। अपने बेटे की मौत से सबक लेते अब शेखावत दम्पत्ति और उनके सहयोगी कोसिनोक जैन व पंकज टाक ने जागरुकता अभियान की शुरुआत की है। अब वे अभिभावकों खास कर धनाढ्य माता-पिता को यह समझाएंगे कि 18 वर्ष की उम्र से पहले बच्चों को मोटर व्हीकल न दिया जाए। मोटरबाइक तो किसी भी स्थिति में नहीं दी जाए। धनाढ्य माता पिता अपने बच्चों की जिद के खातिर साढ़े तीन लाख रुपए की कीमत वाली केटीएम मोटर बाइक दिलवा देते हैं, लेकिन नाबालिग बच्चे जब तेज रफ्तार से बाइक को चलाते हैं तो दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। बच्चों की मौत से घर में अंधेरा छा जाता है। शेखावत दम्पत्ति का मानना है कि ऐसा लाड़ प्यार कोई मायने नहीं रखता है जो बच्चों की जान ले ले। चूंकि उन्होंने अपने बच्चे की मौत अपनी आंखों से देखी है। इसलिए अब समाज को जागरुक कर रहे हैं। जिन धनाढ्य माता-पिता ने अपने नाबालिग बच्चे के लिए मोटरबाइक या कोई मोटरव्हीकल खरीदा है वे एक बार शेखावत दम्पत्ति से बात कर लें। इसके लिए विनोद शेखावत ने अपना मोबाइल नम्बर 9928368796 ऐसे अभिभावकों के लिए उपलब्ध करवाया है। शेखावत दंपति ने अपनी संस्था निशांत द बिगिनिंग, निशांत एक शुरुआत हेल्पलाइन नम्बर 8005964373 भी जारी किया है। अजमेर जिले में सड़क दुर्घटना होने पर हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर नि:शुल्क एम्बुलैंस मंगाई जा सकती है। उनकी संस्था सड़क दुर्घटना में जख्मी व्यक्तियों के अस्पताल का खर्च भी वहन करेगी। ज़रूरतमंद परिवारों को आर्थिक मदद भी की जाएगी।S.P.MITTAL BLOGGER (17-01-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829071511

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