राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि क्या उदयपुर में गर्दन काटने अजमेर में दरगाह से भड़काऊ नारे लगाने जैसी वारदातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हो रही हैं? राजस्थान की बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए खुद गहलोत जिम्मेदार हैं।

जयपुर में 16 जुलाई को हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के राष्ट्रीय सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के हालात बहुत खराब हैं। हालात सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्यार मोहब्बत, और भाईचारे की अपील देशवासियों से करनी चाहिए। पीएम मोदी देशवासियों से हिंसा नहीं करने का आग्रह भी करें। गहलोत ने यह बात तब कही जब सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के  15 और विभिन्न हाईकोर्ट के 75 जज बैठे हुए थे। इनमें देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना और केंद्रीय कानून किरण रिजिजू भी शामिल रहे। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सीएम गहलोत को अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन गहलोत को यह बताना चाहिए कि उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की गर्दन काटने, अजमेर में दरगाह से भड़काऊ नारे लगाने जैसी घटनाएं भी क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हो रही हैं। राजस्थान पुलिस ने अपनी जांच में स्वयं माना है कि उदयपुर में कन्हैयालाल की गर्दन काटने वालों के तार पाकिस्तान के कट्टरपंथियों से जुड़े हैं। अजमेर, करौली, भीलवाड़ा, जोधपुर, अलवर आदि शहरों में जो साम्प्रदायिक फसाद हुए उन्हें भी सुनियोजित माना गया। कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। राजस्थान में जो कानून व्यवस्था बिगड़ रही है उसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री होने के नाते अशोक गहलोत की ही है। लेकिन सीएम गहलोत शांति के लिए देश के प्रधानमंत्री से अपील करना चाहते हैं, यानी अपनी जिम्मेदारी को प्रधानमंत्री पर डाल रहे हैं। गहलोत का कहना है कि नरेंद्र मोदी अपील करेंगे तो जनता पर उसका असर होगा। सवाल उठता है कि क्या अशोक गहलोत अपील करेंगे तो जनता पर असर नहीं होगा? राजस्थान में इन दिनों जो घटनाएं हो रही है उनको रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। जहां तक पीएम मोदी के अपील करने का सवाल है तो उन्होंने कभी भी हिंसा को बढ़ावा देने वाली बात नहीं कही है। पीएम मोदी ने हमेशा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की बात कही है। जहां तक भाईचारे का संदेश का सवाल है तो पीएम मोदी ने हमेशा भाई चारे की बात पर ही बल दिया है। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर चाहे जैसे नारे लगे लेकिन पीएम मोदी ने दरगाह की परंपरा का हर वर्ष निर्वाह किया है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में प्रधानमंत्री पद की परंपरा को निभाते हुए मोदी ने न केवल चादर भिजवाई बल्कि प्यार मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी दिया। सीएम गहलोत को यह पता होना चाहिए कि हर वर्ष ख्वाजा साहब के उर्स में पीएम मोदी का साम्प्रदायिक सद्भावना और प्यार मोहब्बत वाला संदेश दरगाह में पढ़ा जाता है। अपने संदेश में पीएम मोदी इस बात को स्वीकार करते हैं कि देश दुनिया में सद्भावना के लिए ख्वाजा साहब के सिद्धांतों और शिक्षाओं की जरूरत है। समझ में नहीं आता कि सीएम गहलोत अब पीएम मोदी से क्या अपील करना चाहते हैं। अच्छा हो कि सीएम गहलोत राजस्थान में कानून तोडऩे वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। सीएम गहलोत यदि कानून का सख्ती से इस्तेमाल करेंगे तो न तो उदयपुर में किसी की गर्दन काटी जाएगी और न ही किसी धार्मिक स्थल से भड़काऊ नारे लगेंगे। हकीकत तो यह है कि राज्य सरकार ने जो तुष्टीकरण की नीति अपना रखी है उसकी वजह से राजस्थान में आए दिन गर्दन काटने की धमकियां मिल रही हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (17-07-2022)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...