सीएम के जनसंवाद से होटल मेरवाड़ा के मालिकों को होगा फायदा। बिना पार्किंग के चला रहे हैं समारोह स्थल। बिजली बंद होने से टाटा पावर की पोल खुली।

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भारी सरकारी लवाजमे के साथ 15 अक्टूबर को सीएम वसुंधरा राजे ने अजमेर के सुभाष बाग के निकट होटल मेरवाड़ा एस्टेट में दक्षिण क्षेत्र के लोगों से जनसंवाद किया। इस जनसंवाद का फायदा किसी को मिले या नहीं लेकिन होटल के मालिकों को जरूर मिलेगा। सीएम की वजह से जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी इस होटल में दिन भर उपस्थित रहे। सीएम ने भले ही वातानुुकुलित सभागर में बैठक कर अतिक्रमण हटाने, लोगों की परेशानियों को दूर करने आदि के आश्वासन दिए हों, लेकिन क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए यह होटल परेशानी का सबब बना हुआ है। सरकारी अफसरों की मिली भगत की वजह से होटल के मालिक होटल का उपयोग समारोह स्थल के तौर पर कर रहे हैं। दो दिन के 10 लाख रुपए तक वसूले जा रहे हैं। चूंकि होटल में वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है, इसलिए शादी ब्याह या अन्य कोई समारोह होने पर होटल के नीचे मुख्य मार्ग पर वाहनों को खड़ा किया जाता है। जिससे कई बार इस मार्ग पर जाम के हालात हो जाते हैं। दोनों ओर वाहनों के खड़े होने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। शर्मनाक बात तो ये है कि टेªेफिक पुलिस ने इस मार्ग को नो-पार्किंग जोन घोषित कर रखा है, इसलिए जब कोई आम व्यक्ति इस मार्ग के किनारे दिन में अपना वाहन खड़ा करता है तो पुलिस की क्रेन वाहन को उठा कर ले जाती है। एक हजार रुपए तक का जुर्माना वसूलने के बाद वाहन को छोड़ा जाता है, लेकिन शाम को जब होटल में समारोह में आने वाले व्यक्तियों के वाहन भाड़े के कर्मचारी खड़े करते हैं तो पुलिस की आंखे बंद हो जाती है। सब समझते हैं कि पुलिस की आंखे बंद क्यों होती है? अब तो सीएम ने इस होटल में जनसुनवाई कर ली है इसलिए होटल वालों का रुतबा और अधिक बढ़ गया है। समझ में नहीं आता जो होटल लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है तो उस होटल में सीएम की जनसुवाई कैसे रखी गई? हालांकि समारोह स्थल के लिए सरकार ने नियम कायदे बना रखे हैं, जिसमें पार्किंग सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन अजमेर का कोई भी सरकारी महकमा होटल मेरवाड़ा के समारोह स्थल की जांच करने को तैयार नहीं है। पता नहीं सीएम के जन संवाद का खर्च भुगतान कौन करेगा। लेकिन भुगतान नहीं मिलने पर भी होटल के मालिक को कोई शिकायत नहीं होगी। 15 अक्टूबर को तो दिनभर चाय पानी नाश्ता और दोपहर का भोजन तक होटल मालिकों की ओर से करवाया गया। होटल के मालिक और मैनेजर खुद इंतजामों में लगे रहे। सीएम के जन संवाद के बाद हो सकता है कि इस होटल को और सरकारी लाइसेंस मिल जाए ताकि संचालन में कोई कमी नहीं रहे। होटल वाले तो मुख्य मार्ग पर ही वाहनों को खड़ा करेंगे भले ही आम लोगों को कितनी भी परेशानी हो।
जनसंवाद में बिजली गुल:
सीएम राजे जब होटल मेरवाड़ा एस्टेट में जन संवाद कर रही थी कि तभी अचानक बिजली चली गई। अजमेर में बिजली वितरण का जिम्मा टाटा पावर कंपनी के पास है। हालांकि होटल मालिकों ने जनरेटर चला कर हालात को संभालने की कोशिश, लेकिन बड़ा हाॅल होने के कारण जनरेटर से अधिकांश एसी नहीं चले। चूंकि इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। इसलिए थोडी देर में सभागार में बैठे लोग पसीने से तरबतर हो गए। बिजली बंद होने पर प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने तत्काल टाटा पावर कंपनी के अधिकारियों को तलब किया। सीएम के जनसंवाद में बिजली गुल होने से टाटा पावर के प्रबंधन की पोल खुल गई है। आम लोग भी टाटा पावर के प्रबंधन को लेकर परेशान है। लेकिन कंपनी की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही। अब सीएम के सामने ही टाटा पावर की पोल खुल गई है तो देखना है कि इस कंपनी के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।
एस.पी.मित्तल) (15-10-17)
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