दरगाह कमेटी के शौचालयांे के मामले में हाईकोर्ट के नोटिस जारी।
अजमेर नगर निगम ने दीवान आबेदीन के दफ्तार का भी नक्शा स्वीकृत किया है।
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7 मई को जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी ने अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट सार्वजनिक शौचालयों के प्रकरण में जिला कलेक्टर, दरगाह कमेटी के नाजिम और नगर निगम तथा अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त को नोटिस जारी कर आगामी 2 जुलाई को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। ये नोटिस दरगाह से जुड़े सैयद गुलाम मुस्तफा चिश्ती, फजर काजमी, सैयद बाबर चिश्ती, शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती आदि की जनहित याचिका पर जारी किए गए हैं। याचिका एडवोकेट एस के सक्सेना और आशीष सक्सेना की ओर से प्रस्तुत की गई। याचिका में कहा गया कि दरगाह के निकट अंदरकोट क्षेत्र में जायरीन की सुविधा के लिए सार्वजनिक शौचालय वर्षों से बने हुए थे। शौचालयों की भूमि पर दरगाह कमेटी का हक है, लेकिन पिछले दिनों जर्जर शौचालय गिर गए। कायदे से दरगाह कमेटी को इस स्थान पर पुनः शौचालयों का निर्माण करना चाहिए था। लेकिन दरगाह कमेटी के नाजिम ने दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन से एक एमओयू साइन कर लिया। इसके मुताबिक भूमि पर प्रथम तल पर दीवान आबेदीन के लिए दफ्तार और ऊपर शौचालयों का निर्माण होगा। इस एमओयू के आधार पर दीवान आबेदीन ने नगर निगम से नक्शा भी स्वीकृत करवा लिया। याचिका में कहा गया कि इस भूमि का उपयोग जायरीन के शौचालयों के लिए ही होना चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं।